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उपसर्गो मारा जीवनमां, अनुकूल के प्रतिकूल हो, आशिष देजो डगमगुना, फुल के भले शूल हो, मुज वेलडी सम आतमानो, तुम थकी उद्धार छे, उपकारकारी नेमिवरने, भावथी करूं वंदना...
मुज जीवननी संध्या ढळे, त्यारे स्मरणमां आवजो, समभाव मारो टकावीने, नवकार याद करावजो, हवे मृत्युनो पण भय नथी, तुम नामनो जयकार छे, उपकारकारी नेमिवरने, भावथी करूं वंजना...
गिरनार तारा दर्शथी, हुं भव्य छं समजाय छे, मने मुक्ति मळशे निकटमां, विश्वास एवो थाय छे, रैवतगिरि तुज नाम छे, मम जन्म-मरण निवारजे, - गिरनार वंदी विनवुं, मुज आतमाने तारजे ...
प्रभु मिलननी स्तुतिओ
१, रूप तारुं एवं अद्भूत, पलक विण जोया करूं, नेत्र तारां निरखी निरखी पाप मुज धोया करूं, हृदयना शुभ भाव परखी, भावना भावित बनुं, झंखना एवी मने के, हुं ज तुज रूपे बनुं,
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