SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 44
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ अति हर्ष साथे सुणतो हुं बीजाना आळ, वदतो वळी हरख साथे विविध आळ; करजे क्षमा हे जिनराज में दीधा आळ, हे नेमिनाथ जिनराज सुणो दयाळ... कीधा घणां जीवनमांही कलह भारी, वळी मानतो करणी तेह अतिज सारी; भालुं हुं तेह सवि जेम कहे ज बाळ, हे नेमिनाथ जिनराज सुणो दयाळ... . ...१६ . में तो लह्यो जीवन आशरो एक ताहरो, जनमो जनम मळजो मुज साथ ताहरो; सेवक ताहरो गणी मुजने तुं भाळ, हे नेमिनाथ जिनराज सुणो दयाळ... ...१७ जन्म अने च्यवन शौरीपुर गामे, कल्याणक त्रण नेमि गिरनार धामे; शौरीपुरी ने गिरनार नमुं त्रिकाळ, हे नेमिनाथ जिनराज सुणो दयाळ... ...१८ - ३५
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy