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१२ आ पावनभूमि सहसावन मध्ये श्री नेमिनाथ परमात्माना प्रथम अने अंतिम समवसरणनी रचना करोडो देवो द्वारा करवामां आवी हती...
| १३ आ पावनभूमिमां सहसावनमां साध्वीवर्या राजीमती श्री सिद्धपदने पाम्या
हता...
★ सहसावन कल्याणकभूमिनी स्पर्शना - दर्शन-पूजन कर्या वगरनी आपनी गिरनार यात्रा अधुरी रही जाय छे. पहेली ट्रंकनी यात्रा करी कल्याणकभूमिनी स्पर्शना कर्या वगर नीचे पाछा आववुं ते परमात्मानी कल्याणकभूमिनी महाआशातना छे.
सहसावनमां संप्रतिकालीन श्री नेमिनाथ परमात्मा सहित चौमुखजी प्रतिमाजी विशाळ समवसरण मंदिरना मूणनायक छे. त्यां श्री नेमिनाथ परमात्माना काळमां ज बनेली जीवितस्वामी श्री नेमिनाथनी अने श्री रहनेमिजीनी प्रतिमा सिद्ध अवस्थामां छे. गुफामां प्रभावक श्री नेमिनाथ परमात्मानी प्रतिमा छे.
सहसावनमां श्री नेमिनाथ परमात्मानी दीक्षा - केवळज्ञान कल्याणकनी प्राचीन देरी पण छे.
सहसावन तीर्थना उद्धारक, साधिक ३००० उपवास अने ११५०० आयंबिलना घोर तपस्वी प.पू. आ हिमांशुसूरि महाराजनी अंतिम संस्कार भूमि पण छे.
सहसावन कल्याणभूमिनी यात्रा केम करवी ?
श्री गिरनारनी पहेली ट्रंक (३८३९ पगथीया) थी २८० पगथीया चडी गौमुखी गंगाना मंदिरनी पहेला डाबी बाजु वळीने थोडुं चालता सेवादासनो आश्रम आवे छे. त्यांथी १३०० पगथीया उतरता विशाळ सहसावन समवसरण मंदिर आवे छे. त्यांथी ७० पगथीया उतरता केवणज्ञान, दीक्षाकल्याणकनी प्राचीन देरी आवे छे. पाछा ५० पगथीया चडीने तळेटी रस्ते ३२०० पगथीया उतरीने | अडधो किलोमीटर चालता तळेटीनी धर्मशाळा आवे छे.
सहसावन जवा माटेनो बीजो रस्तो
जय तळेटी, आदिनाथ मंदिर तथा श्री नेमिनाथ भगवाननी चरणपादुकाना मंदिरमां दर्शन करीने २५ डगला पाछा फरीने जमणी बाजु दिगंबर धर्मशाळांनी
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