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यात्रा करता पहेला आ खास वांचो
जगमां तीरथ दो वडां, शत्रुजय गिरनार, एक गढ ऋषभ समोसर्या, एक गढ नेम कुमार
शुं आप आ गिरनार महातीर्थनी यात्रा करवा आव्या छो? | शं आप गिरनार महातीर्थनो महिमा जाणो छो? नहीं? तो आवो आ गिरनार महातीर्थनी अपंरपार महिमानी आछी झलक जोइए ! १ आ पावनभूमिमां वहेता वायुमां अनंता तीर्थंकरोना दीक्षा अवसरना वैराग्यनी
सुवास प्रसरेल छे.... आ पावनभूमिमां अनंता तीर्थंकरोना केवलज्ञाननो प्रकाश फेलायेलो छे... आ पावनभूमि अनंता तीर्थंकरोना सिद्धिपदनी महेकथी मघमघायमान छे... आ पावनभूमिमां विश्वना प्राचीनतम श्री नेमिनाथ परमात्मानी प्रतिमाजी बिराजमान छे. आ पावनभूमिथी आवती चोवीसीना चोवीसे चोवीस तीर्थंकर परमात्मा परमपदने प्राप्त करवाना छे... आ पावनभूमिनी उपासनाथी अतिचीकणा एवा गाढ निकाचित कर्मो पण नाश थइ जाय छे... आ पावनभूमि उपरथी विश्वनी प्रत्येक वनस्पति, औषधि, जडीबुट्टीनी प्राप्ति थाय छे... आ पावनभूमिमां वसनारा जानवरो पण आठमां भवमां सिद्धपदने पामे छे... आ पावनभूमि उपर शुद्धभावथी दान-शील-तप-भावधर्मनी कोईपण
आराधना करवामां आवे तो शीघ्र मोक्षपदनी प्राप्ति थाय छे... १० आ पावनभूमिर्नु घरबेठां पण शुभभावपूर्वक ध्यान धरवामां आवे तो चोथा
भवे मोक्षनी प्राप्ति थाय तो त्यां करेल आराधना तो क्या पहोंचाडे ?.... ११. आ पावनभूमि उपर आकाशमा उडता पंखीनो पडछायों पण पडे तो तेना
भवोभवतणां दुर्गतिना फेरा पण टळी जाय छे...
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