________________
क्यां जईने ठालवशुं गुरुमा, हैयानी वातलडी,
पुनित तारा पगला गोते, अश्रुभीनी आंखलडी,
तारा विण आ आयखु जाणे, थई गयुं साव नकामुं... क्यां गोतुं सरनामुं
वत्सल मूरत, स्नेहल सूरत, जोवा फरी नहीं मळशे,
तारा वियोगे ओ गुरुमाता, मारुं हृदय टळवळशे,
अमृतझरती आंखलडीथी, कोण निरखशे सामु... क्यां गोतुं सरनामुं
गुरुमा गुरुमा कहीने तुजने, तारो बाळ पुकारे,
ज्यां हो त्यांथी आशिष देजो, जीवशुं ओज सहारे, जनमो जनम रगरगमां तारी, वदनाकृति पामु... क्यां गोतुं सरनामुं
जईने कोई दिव्यलोकमां, अटलुं कहीने आवे,
पळपळ प्यारा गुरुवर अमने, तारी याद सतावे,
आ अवनी पर करी अंधा, अस्त थयो कां भानु.... क्यां गोतुं सरनामुं
૨૪