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मारो धन्य बन्यो आजे...
- (राग : मैं तो भूल चली) हो मारो धन्यो बन्यो आजे अवतार, के मल्या मने परमात्मा; हे करुं मोंघो ने मीठो सत्कार, के मल्या मने परमात्मा... के मल्या...
श्रद्धाना लिलुडां तोरण बधावं, भक्तिना रंगोथी आंगण सजावू,
हो... हो सजे हैयु... सजे हैयुं सोनेरी शणगार... के मल्या... प्रीतिनां मघमघतां फूलडे वधावं, संस्कारे जळहळतां दीवडां प्रगटावं, हो... हो करे मननो... करे मननो.... मोरलियो टहुंकार... के मल्या...
उरनां आसनिये हुं, प्रभुने पधरावं, जीवन आखं अना चरणे बिछाएँ, हो... हो हवे थाशे... हवे थाशे... आतमनो उद्धार.... के मल्या....
ओ तारणहारे...
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(राग : ओ पालनहारे...) ओ तारणहारे, अवगुण हरना रे, तारा विना जगमां कोई नथी. अवी उलझन जीवनमां भगवन, तारा विना जगमां कोई नथी. अमने हवे दर्शन दो, जीवन रखवाले, तारा विना जगमां कोई नथी.
भक्तिमां हरखे प्रभुजी आंखडी, दरस तारा दे दो ओ जिनजी, आ नयन छे मगन, नैया मारी दो तमे तारी... भगवन् आ जीवन तमे, ना संवारो तो कौन संवारे... ओ तारणहारे...
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