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जे बीजा अवतारमा मळता नथी, ते रतन अहीं धूळमां रोळाय छे... राख जेवा मामूली व्यापारमां, आ महामूलीमूडी खरचाय छे... कर्मनो केवो प्रभु मारे उदय, धर्मनी मोसम नकामी जाय छे. आ फरीथी भव मळे के ना मळे, जीव- भावि बुरु देखाय छे..
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मेरे दोनों हाथों में |
मेरे दोनों हाथों में, जैसी लकीर है । दादा से मिलन होगा, मेरी तकदीर है लिखा है जैसा लेख, दादा (२) लिखता है लिखने वाला, सोच समजकर, मिलना बिछडना दादा होता समय पर, इसमें मीन ना मेख दादा... (२) किस्मत का लेख, कोई मिटा नहीं पायेगा, कैसे मिलन होगा, समय ही बतायेगा, . मिटती नहीं है रेख दादा... (२) ना वो दिन रहे, ना यह दिन रहेंगे, दादा तुम देख लेना जल्दी मिलेंगे, इन हाथों को देख दादा... गिरनारी दादा तेरी शरण में आया, आकर के चरणों में, शीश नमाया, इन भक्तों को देख दादा... लिखा है जैसा लेख दादा... ..
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