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________________ मेरे सर पर रख दो | मेरे सर पर रख दो दादा अपने ये दोनो हाथ नेम प्रभुजी दीजीओ जनम जनम का साथ तेरा अहेसान होगा, तेरा उपकार होगा. सुना है हमने तुम भक्तो की चाहत पूरी करते हो जैसा हमने क्यां मांगा जो देने से डर जाते हो, मेरा रस्ता रोशन करदो, आयी अंधयारी रात... जनम जनम से भटक भटक कर तेरे द्वार पे आया हूं, भक्तिगीतो के थाल को लेकर तुम चरणोंमें आया हुं, . . चाहे सुख में हो या दुःख में बस थामे रहेना हाथ... - आवो आवोने नेमकुमार (राग : तने साचवे पार्वती अखंड सौभाग्यवती...) आवो आवोने नेमकुमार, आवोने अम आंगणीओ. विनवे रडती राजुलनार, : आवोने अम आंगणीए. बांध्या बांध्या तोरण बारणे, वागे वागे शरणाई ढोल आंगणीओ, सज्या राजुल सोळे शणगार... आपणी आठ आठ भवनी प्रीतलडी, नवमे भव केम विसारी दीधी, ओछु आव्युं शुं राजकुमार.... ૧૫
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
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