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करुणासागर करुणा कीजे, मैं हं सवेक तेरा, छोडके दुनिया आया हूं, चरण में, मिटा दो भवका फेरा रे, कर दिया कर्मो ने हैरान, प्रभुजी भटक रहा भवरान...३
ओ वितरागी नेमि.जिणंदा, आया तोरे द्वारे, शिवानंदन भव भय भंजन, लगा दो नैया किनारे रे, प्रभु दे विनती मान, बना दे रे मुक्ति का महेमान...४
जोगी बनीने चाल्या नेमकुमार...
दुहो : वादळथी वातो करे ऊंचो गढ गिरनार,
पावन थई डोली रह्यो, ज्यारे आव्या नेमकुमार... १ राजुल आवी साथमा छोडी सकल संसार,
अमर कहानी प्रेमनी गाई रह्यो गिरनार.... जोगी बनीने चाल्या नेमकुमार, धन्य बन्यो रे पेलो गढ गिरनार । विचरे ज्यां विश्वना तारणहार, धन्य बन्यो रे पेलो गढ गरिनार
जेने जग कल्याणनी लागी लगन, जीवननी साधनामां मनडुं मगन अंतरमा प्रगटे छे प्रीतनी अगन, आतम उडे छे ओनो ऊंचे गगन (२)
वायरमां वहेती वसंती बहार...१ ओना प्राणमांथी प्रसरे छे अवो प्रकाश, उजाळी दीधा छे धरती आकाश, भवोभवनी प्रीतडीनो बांध्यो छे पाश, पूरी छे राजुलना अंतरनी आश (२) ___ मोक्षे सिधाव्या राजुल नेमकुमार...२
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