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क्यों माया की दुनिया में फंसकर, जीवन खो रहा प्राणी, तेरी दो दिनकी जिन्दगानी (२) ...१
कौडी कौडी माया जोडी, दान दिया ना कोइ (२) दुःखियो का खून चूसके तूने, करली अपनी कमानी (२) सब धरा रहेंगा माल खजाना, जाये हाथ खाली,
तेरी दो दिनकी जिन्दगानी (२) ...२ . . मात-पिता बहन बंधु नारी, ये मतलब के साथी (२) अंत में तुजको जाना अकेला, संग चले ना कोई (२) अब चेत चेत तुं तो ओ बंदे, जीवन बहना पानी, तेरी दो दिनकी जिन्दगानी (२) ...३
आज नेम के चरणों में तुं आके, अपना शीश झुकाले-(२) भक्तजन जिसको भावे, तुं उसको अपनाले (२) वो है मालिक कोई उनके दरसे, गया कभी ना खाली, तेरी दो दिनकी जिन्दगानी (२) .....
कभी प्यासे को...।
कभी प्यासे को पानी पिलाया नहीं, बाद अमृत पिलाने से क्या फायदा; कभी गिरते हुओ को उठाया नहीं, बाद आंसु बहाने से क्या फायदा...१
मैं मंदिर गया पूजा आरती की, पूजा करते हुओ ये खयाल आ गया; कभी मा बाप की सेवा की ही नहीं, फिर पूजा ही करने से क्या फायदा...२
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