SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 19
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ १. गिरनार स्तुति सरिता गिरनार महातीर्थ स्तुतिं ( राग : एवा प्रभु अरिहंतने... ) बे तीर्थ जगमां छे वडा ते, शत्रुंजयने गिरनार, एक गढ समोसर्या आदिजिनने, बीजे श्री नेमि जुहार, ए तीर्थ भक्तिना प्रभावे, थाये सौनो बेडोपार ए तीर्थराजने वंदता, मुज जन्म आज सफल थयो... २. देवांगनाने देवताओ, जेनी सेवना झंखता, मळी तीर्थ कल्पो वळी, जेना गुणलां गावतां, जिनो अनंता जे भूमिए, परमपदने पामतां, ए गिरनारने वंदता, मुज जन्म आज सफल थयो... ३. पशुओना पोकार सुणी, करूणा दिलमां आणतां, रडती मेली राजीमतिने, विवाहमंडप त्यागतां, संयमवधू केवल श्री, शिवरमणीने परणतां, ए नेमिनाथने वंदता, मुज जन्म आज सफल थयो... ४. शिवानंदने परणवाना, मनोरथोने सेवतां, प्रितमतणा पगलेपगले, गिरनारे संयम साधतां, नेमथी वरसो पहेलां, मुक्तिपदने पामतां, ए राजीमतिने वंदता, मुज जन्म आज सफल थयो ... कनक कामिनीने त्यागी, नेमजी पधारतां, संयमग्रही संग्राम मांडी, घातीकर्म ज्यां चूरतां, ૧૦
SR No.002497
Book TitleGirnar Geetganga
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemvallabhvijay
PublisherGirnar Mahatirthvikas Samiti
Publication Year2016
Total Pages334
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size19 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy