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________________ शास्त्र है और वो केवल शास्त्र ही नहीं, बल्कि धर्म शास्त्र है, तो ऐसे धर्म ग्रन्थों का ज्यादा से ज्यादा अध्ययन कीजिए। जब आप इनका अध्ययन करेंगे तो आपको ज्ञान होगा, संसार की असारता का भान होगा कि-विषय-वासना के कीचड़ में तो इतने जन्म गंवा दिए कभी ये मन तृप्त न हुआ, अब थोड़ा साधना में भी मन लगा कर देखें और जिस दिन आप इस भाव के साथ साधना की झील में उतर पड़े और लगे रहे मार्ग पे, बढ़ते रहे इस राह पे, तो वो दिन भी दूर नहीं जब आपके जीवन में आनंद के फूल खिल उठेंगे। मैं समझता हूं- जो कुछ इस विषय में मैं कहना चाहता था, वो मैं कह चुका हूं, सफर के लिए इतनी सामग्री काफी है। तो अंत में इतना ही कहकर अपनी बात पूर्ण करना चाहूंगा कि - आपकी यात्रा शुभ हो । यही मेरी हार्दिक मंगलकामना है। ॐ शान्ति!
SR No.002495
Book TitleKaise Kare Is Man Ko Kabu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherGuru Amar Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages72
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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