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________________ चर्चा है- मन की कार्य प्रणाली के संदर्भ में। पहले भी इस विषय में हमने बात की थी। बात तो अध्यात्म क्षेत्र की है लेकिन उसे समझाने के लिए मुझे आपकी दुनियां के उन शब्दों और प्रतीकों को लेना पड़ता है जो आपसे चिर परिचित हों, आपके जाने-पहचानें हों। हम अपने देश की शासन प्रणाली को ही लें- हमारे देश का सर्वोच्च अधिकारी राष्ट्रपति होता है उसके नीचे प्रधानमंत्री और फिर मंत्रीमण्डल। मंत्रीमण्डल आपस में प्रस्ताव पास करके प्रधानमंत्री को भेजता है और प्रधानमंत्री फिर राष्ट्रपति को पेश करता है। अब आएं अध्यात्म की ओर चलते हैं - हमारा ये आत्मा राष्ट्रपति के समान है, मन प्रधानमंत्री की तरह और इन्द्रियाँ मंत्रीमंडल की तरह हैं। जरा से संगीत की झंकार सुनी नहीं कि -कान फौरन खड़े हो जाते हैं, कोई सुन्दर सा चेहरा सामने से निकला कि- आंखें झट वहीं चिपक जाती हैं, जहां कोई मीठी सी महक नासिका से छुई नहीं कि तुरन्त ध्यान उधर ही खिंचा चला जाता है, चटपटे व्यंजन दिखते ही जिव्हा ललचा जाती है और नरम-नरम गद्दे, तकियों का स्पर्श पाकर दिल उन्हें छोड़ने को नहीं करता। __ये इन्द्रिय रूपी मंत्रीमंडल अपने-अपने प्रस्ताव । मन रूपी प्रधानमंत्री के पास भेज देता है और मन वो 57)
SR No.002495
Book TitleKaise Kare Is Man Ko Kabu
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherGuru Amar Jain Prakashan Samiti
Publication Year
Total Pages72
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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