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गुरु राह दिखा सकते हैं, चलना हमें स्वयं ही होगा
प्रवचन सार
जन्म से कोई व्यक्ति बड़ा नहीं होता, बड़ा होता हैअपने कर्म से । जीवन कितना जीए, इस बात का मूल्य नहीं,
मूल्य इस बात का है किजीवन को कैसे जीए ?
दवाई चाहे कितनी ही अच्छी क्यूं ना हो, लेकिन जब तक उसका सेवन नहीं किया जाता वो रोग दूर नहीं कर सकती। ऐसे ही जब तक गुरु वाणी का जीवन में आचरण न किया जाए तब तक आत्म कल्याण होना भी संभव नहीं ।
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