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[553 ] षट्त्रिंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
The maximum life-span of these Jyotishk devas is one hundred thousand years more than one Palyopam and the minimum is one-eighth of one Palyopam. (221)
दो चेव सागराइं, उक्कोसेण वियाहिया।
सोहम्ममि जहन्नेणं, एगं च पलिओवमं॥२२२॥ सौधर्म (देवलोक में) देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति दो सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति एक पल्योपम की बताई गई है। २२२॥
The maximum life-span of gods in Saudharma kalp is two Sagaropam and the minimum is one Palyopam. (222)
सागरा साहिया दुन्नि, उक्कोसेण वियाहिया।
ईसाणम्मि जहन्नेणं, साहियं पलिओवमं ॥२२३॥ ईशान (देवलोक में) देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति कुछ अधिक दो सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति कुछ अधिक एक पल्योपम की होती है॥ २२३ ॥
The maximum life-span of gods in Ishaan kalp is slightly more than two Sagaropam and the minimum is slightly more than one Palyopam. (223)
सागराणि य सत्तेव, उक्कोसेण ठिई भवे।
सणंकुमारे जहन्नेणं, दुन्नि ऊ सागरोवमा॥२२४॥ सनत्कुमार देवलोक के देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति सात सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति दो सागरोपम की होती है॥ २२४॥
The maximum lífe-span of gods in Sanatkumar kalp is seven Sagaropam and the minimum is two Sagaropam. (224)
साहिया सागरा सत्ता, उक्कोसेण ठिई भवे।
माहिन्दम्मि जहन्नेणं, साहिया दुन्नि सागरा॥२२५॥ माहेन्द्रकुमार स्वर्ग के देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति कुछ अधिक सात सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति कुछ अधिक दो सागरोपम की होती है॥ २२५॥
The maximum life-span of gods in Maahendra kalp is slightly more than seven Sagaropam and the minimum is slightly more than two Sagaropam. (225)
दस चेव सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे।
बम्भलोए जहन्नेणं, सत्त ऊ सागरोवमा॥२२६॥ ब्रह्मदेवलोक के देवों की उत्कृष्ट आयुस्थिति दस सागरोपम की और जघन्य आयुस्थिति सात सागरोपम की होती है॥ २२६॥
The maximum life-span of gods in Brahma Lok kalp is ten Sagaropam and the minimum is seven Sagaropam. (226)
चउद्दस सागराइं, उक्कोसेण ठिई भवे। लन्तगम्मि जहन्नेणं, दस ऊ सागरोवमा॥२२७॥