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[551] षट्त्रिंश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
कल्पोपक (कल्पोपपन्न) देवों के बारह भेद हैं, यथा-(१) सौधर्म, (२) ईशानक, (३) सनत्कुमार, (४) माहेन्द्र, (५) ब्रह्मलोक, (६) लान्तक-॥ २१०॥
The Kalpopapanna gods are of twelve kinds-(1) Saudharma, (2) Ishaanak, (3) Sanat Kumar, (4) Maahendra, (5) Brahmalok, (6) Laantak, - (210)
महासुक्का सहस्सारा, आणया पाणया तहा।
आरणा अच्चुया चेव, इइ कप्पोवगा सुरा॥२११॥ (७) महाशुक्र, (८) सहस्रार, (९) आणत, (१०) प्राणत, (११) आरण, और (१२) अच्युत-ये कल्पोपक देव हैं॥ २११॥
. (7) Mahashukra, (8) Sahasrara, (9) Aanat, (10) Praanat, (11) Arana, and (12) Achyut. (211) .
कप्पाईया उ जे देवा, दुविहा ते वियाहिया।
गेविज्जाऽणुत्तरा चेव, गेविज्जा नवविहा तहिं॥२१२ ॥ जो कल्पातीत देव हैं, वे दो प्रकार के कहे गये हैं, यथा-(१) ग्रैवेयक, और (२) अनुत्तर (विमानवासी) देव। ग्रैवेयक देवों के पुन: ९ भेद हैं॥ २१२ ॥ ___Kalpateet gods are of two kinds-(1) Graiveyak, and (2) Anuttar. Again Graiveyaks are of nine types. (212)
हेट्ठिमा-हेट्ठिमा चेव, हेट्ठिमा-मज्झिमा तहा।
हेट्ठिमा-उवरिमा चेव, मज्झिमा-हेट्ठिमा तहा ॥२१३॥ . (१) अधस्तन-अधस्तन (२) अधस्तन-मध्यम, (३) अधस्तन-उपरितन, (४) मध्यमअधस्तन- ॥ २१३॥
(1) Adhastan-Adhastan (lower-lower), (2) Adhastan-Madhyam (lower-middle), (3) Adhastan-Uparitan (lower-upper), (4) Madhyam-Adhastan (middle-lower), - (213)
मज्झिमा-मज्झिमा चेव, मज्झिमा-उवरिमा तहा।
उवरिमा-हेट्ठिमा चेव, उवरिमा-मज्झिमा तहा॥२१४॥ (५) मध्यम-मध्यम्, (६) मध्यम-उपरितन, (७) उपरितन-अधस्तन, (८) उपरितनमध्यम-॥ २१४॥
(5) Madhyam-Madhyam (middle-middle), (6) Madhyam-Uparitan (middle-upper), (7) Uparitan-Adhastan (upper-lower), (8) Uparitan-Madhyam (upper-middle), - (214)
उवरिमा-उवरिमा चेव, इय गेविज्जगा सुरा।
विजया वेजयन्ता य, जयन्ता अपराजिया॥२१५॥ और (९) उपरितन-उपरितन-ये ९ प्रकार के ग्रैवेयक देव हैं। (१) विजय, (२) वैजयन्त, (३) जयन्त, (४) अपराजित-॥ २१५॥ ___ And (9) Uparitan-Uparitan (upper-upper); these are nine types of Graiveyak gods. (1) Vijaya, (2) Vaijayant, (3) Jayant, (4) Aparaajit, -(215)