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सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
द्वितीय अध्ययन [ 18 ]
बीयं अज्झयणं : परीसह पविभत्ती द्वितीय अध्ययन : परीषह प्रविभक्ति
Chapter-2: CLASSIFICATION OF AFFLICTIONS
सूत्र १ - सुयं मे, आउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं
इह खलु बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेड्या, जे भिक्खू सोच्चा, जिच्चा, अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्वयन्तो पुट्ठो नो विहन्नेज्जा ।
नच्चा,
सूत्र १- (श्री सुधर्मा स्वामी जम्बू स्वामी से कहते हैं) हे आयुष्मन् ! मैंने सुना है कि भगवान महावीर ने ऐसा कहा है
काश्यप गोत्रीय श्रमण भगवान महावीर ने (साधु जीवन में आने वाले) २२ परीषहों का वर्णन किया है। इन्हें सुनकर, जानकर, जीतकर बार-बार के अभ्यास द्वारा परिचित कर, उनकी प्रबलता को परास्त कर भिक्षाचर्या के लिये घूमता हुआ साधु (भिक्षु) इन परीषहों के आने (स्पृष्ट होने) पर भी अपनी संयम यात्रा से विचलित नहीं होता ।
Maxim 1-(Sudharma Swami says to Jambu Swami) O long lived one! I have heard that Shraman Bhagavan Mahavir of Kashyapa gotra (clan) has described twenty two afflictions (related to ascetic life). Hearing about them, knowing and conquering them, comprehending them through repeated practice and subduing their intensity, an ascetic does not waver from his ascetic-discipline (samyam) even when he comes across these afflictions while wandering for alms-seeking.
सूत्र २ - करे खलु ते बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया, जे भिक्खू सोच्चा, नच्चा, जिच्चा, अभिभूय भिक्खायरियाए परिव्वयन्तो पुट्ठो नो विहन्नेज्जा ।
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सूत्र २ – (जम्बू स्वामी की जिज्ञासा) (भगवन्! ) काश्यप गोत्रीय श्रमण भगवान महावीर द्वारा कहे हुये वे २२ परीषह कौन से हैं, जिन्हें सुनकर, जानकर अभ्यास द्वारा परिचित कर, जीतकर उनकी प्रबलता को कम करके भिक्षाचर्या हेतु घूमता हुआ भिक्षु उनसे आक्रान्त होने पर भी अपनी संयम यात्रा से विचलित नहीं होता ।
Maxim 2–(Jambu Swami's inquiry, “Bhante!””) Which are those twenty two afflictions (related to ascetic life) that Shraman Bhagavan Mahavir of Kashyapa gotra (clan) has described. Hearing about them, knowing and conquering them, comprehending them through repeated practice, and subduing their intensity, an ascetic does not waver from his ascetic-discipline even when he comes across these afflictions while wandering for alms-seeking.
सूत्र ३ - इमे खलु ते बावीसं परीसहा समणेणं भगवया महावीरेणं कासवेणं पवेइया, जे भिक्खू सोच्चा, नच्चा, जिच्चा, अभिभूय, भिक्खायरियाए परिव्वयन्तो पुट्ठो नो विहन्नेज्जा, तं जहा