________________
की सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
एकोनविंश अध्ययन [236]
With axes, hatchets and other such tools I have been felled, pounded, sawn, slit, drilled and scraped infinite times, like carpenters do to a tree. (67)
चवेडमुट्ठिमाईहिं, कुमारेहिं अयं पिव।
ताडिओ कुट्टिओ भिन्नो, चुण्णिओ य अणन्तसो॥६८॥ लुहार जिस तरह लोहपिंड को कूटता-पीटता है उसी तरह परमाधर्मी देवों द्वारा मैं चपतों-चाँटों-थप्पड़ों-मुक्कों द्वारा अनन्त बार पीटा गया, कूटा गया, टुकड़े-टुकड़े कर दिया गया और चूर्ण बना दिया गया॥ ६८॥
With palms and fists I have been pounded, hammered, sheared to pieces and powdered infinite times by extremely evil divine beings, like blacksmiths do to a lump of iron. (68)
तत्ताई तम्बलोहाइं, तउयाइं सीसयाणि य।
पाइओ कलकलन्ताई, आरसन्तो सुभेरवं ॥६९॥ भयंकर आक्रन्दन करते हुए भी मुझे कलकलाता-उबलता हुआ गर्मागर्म लोहा, ताँबा, राँगा और सीसा पिलाया गया॥ ६९॥
Horridly shrieking all awhile I have been forcibly made to drink molten iron, copper, tin and lead. (69)
तुहं पियाइं मंसाई, खण्डाइं सोल्लगाणि य।
खाविओ मि समसाइं, अग्गिवण्णाई णेगसो॥७०॥ 'तुझे खण्ड-खण्ड किया हुआ तथा शूल में पकाया हुआ माँस बहुत प्रिय था' (परमाधर्मी असुरकुमारों द्वारा यह याद दिला-दिलाकर) मेरे अपने ही शरीर का माँस काटकर और उसे अग्नि में तपाकर लाल सुर्ख करके मुझे अनेक बार खिलाया गया॥ ७० ॥
'You were very fond of minced and roasted meat' (while being reminded thus by evil divine beings), I have been made to eat my own red hot flesh after cutting and roasting. (70)
तुहं पिया सुरा सीहू, मेरओ य महूणि य।
__पाइओ मि जलन्तीओ, वसाओ रुहिराणि य॥७१॥ "तुझे सुरा, सीधु, मैरेय और महुए आदि से निर्मित मद्य-मादक पदार्थ बहुत प्रिय थे'- यह याद दिलाकर मुझे जलती हुई चर्बी और रक्त पिलाया गया॥ ७१॥
'You were very fond of a variety of liquors including those made from palm, rice and Mahua (Bassia latifolia)' (while being reminded thus by evil divine beings), I have been forced to drink boiling fat and blood. (71)
निच्चं भीएण तत्थेण, दुहिएण वहिएण य। परमा दुहसंबद्धा, वेयणा वेइया मए॥७२॥