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[205] सप्तदश अध्ययन
सचित्र उत्तराध्ययन सूत्र
विशेष स्पष्टीकरण
गाथा १५– 'विकृति' और 'रस' दोनों समानार्थक हैं। विकृति के नौ प्रकार हैं- (१) दूध, (२) दही, (३) नवनीत, (४) घृत, (५) तैल, (६) गुड़, (७) मधु, (८) मद्य, और (९) माँस ।
गाथा १७ - पाषण्ड का अर्थ व्रत है। जो व्रतधारी है, वह पाषण्डी है। परपाषण्ड से यहाँ अभिप्राय अन्य मतों से है।
"गाणंगणिक" का अर्थ है "जल्दी जल्दी गण बदलने वाला" भगवान महावीर द्वारा प्रवर्तित संघ - व्यवस्था है कि भिक्षु जिस गण में दीक्षित हो, उसी में यावज्जीवन रहे । अध्ययन आदि के लिए यदि गण बदलने की जरूरत है तो गुरु की आज्ञा से अपने साधर्मिक गणों में जा सकता है । परन्तु दूसरे गण में जाकर भी कम से कम छह महीने तक तो गण का पुनः परिवर्तन नहीं किया जा सकता। अतः जो मुनि बिना विशेष कारण के छह मास के भीतर ही गण परिवर्तन करता है, वह गाणंगणिक (गणबदलू) पापश्रमण है । ( वृहद्वृत्ति)
गाथा १९ – 'सामुदानिक' भिक्षा का अर्थ दो प्रकार से किया जाता है- ( १ ) अनेक घरों से लाई हुई भिक्षा, और (२) अज्ञात उञ्छ- अर्थात् अपरिचित घरों से थोड़ी-थोड़ी लाई हुई भिक्षा ।
IMPORTANT NOTES
Verse 15-Here vikriti (distortion) and rasa (taste) convey the same meaning. What is tasteful is maligning to spiritual health. There are nine such maligning things-1. milk, 2. curd, 3. butter, 4. butter-oil, 5. cooking oil, 6. jaggery, 7. honey, 8. alcohol, and 9. meat.
Verse 17-Paashand here means vow. Paashandi is one who observes vows. Par-paashand means codes of others or other creeds.
Gaanamganika means one who changes gana frequently. In the organizational system of Bhagavan Mahavir's order the rule is that an ascetic remains all his life in the same gana (a defined group of ascetics) he got initiated into. If it becomes necessary to change his gana to pursue studies, he may do so with the permission of his guru, but only to a co-religionist groups. However, he must remain in that gana at least for six months before changing again. As such, the ascetic who changes gana without any special cause, within a period of six months is a gaanamganika (gana changer) and so a sinful ascetic. (Vrihad Vritti)
Verse 19-Saamudaanika alms is interpreted two ways-1. Alms collected from many households, and 2. Alms collected in small quantities from unknown households.