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चित्र परिचय ४०
Illustration No. 40
ब्रह्मचर्य की महिमा दस समाधि-स्थानों से संरक्षित दुष्कर ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करने वाले मुनि को देव, दानव, गन्धर्व, यक्ष, राक्षस, किन्नर, चक्रवर्ती सम्राट् आदि सभी नमस्कार करते हैं।
-अध्ययन 16, सू. 10-13, 16
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THE IMPORTANCE OF CELIBACY
One who practices the difficult vow of perfect celibacy observing the ten prescribed conditions is venerated by Devs, Danavas, Gandharvas, Yakshas, Raakshasas and Kinnaras (classes of divine beings) as well as emperors.
-Chapter 16, Aphorism 10-13, 16
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