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| चित्र परिचय ३५ |
| Illustration No. 35
(1)
चित्त मुनि-ब्रह्मदत्त चक्रवर्ती का मिलन,
मुनि द्वारा उद्बोधन रँहट चलाने वाले के मुख से आधा श्लोक सुना तो मुनि ने आगे का श्लोक पूरा
कर दिया। (2) रँहट चालक ने चक्रवर्ती को श्लोक की पूर्ति सुनाई। चक्रवर्ती सपरिवार चित्त
मुनि के पास आया। (3) चित्त मुनि ने चक्रवर्ती को सिंह द्वारा गृहीत हरिण का उदाहरण देकर जीवन को काल का ग्रास बताते हुये उद्बोधन दिया।
-अध्ययन 13, सू. 22
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MEETING OF ASCETIC CHITRA AND EMPEROR
BRAHMADATT, ASCETIC'S SERMON (1) The sage listened to the first half of the verse from the waterman and
completed the verse. (2) The waterman recited the completed verse to the Monarch who then
came with his family to ascetic Chitra. (3) Ascetic Chitra tried to enlighten the Monarch by giving the example
of a deer caught by lion and thus expressing the life is the morsel of death.
-- Chapter 13, Aphorism 22
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