________________
0555555555555555555555555555555555550
95455555555555555555555555555555555555555555555se
| चित्र परिचय २६
Illustration No. 26
संसार चक्र (१) पृथ्वीकाय-पर्वत, मिट्टी, मणिरत्न आदि। (२) अप्काय-समुद्र, सरोवर, नदी, कूप, हिम आदि का जल। (३) अग्निकाय-सभी प्रकार की अग्नियाँ। (४) वायुकाय-अनेक प्रकार की हवा। (५) वनस्पतिकाय-वृक्ष, फूल, कन्द, मूल आदि। (६) द्वीन्द्रियकाय-शंख, सीप, कृमि आदि। (७) त्रीन्द्रियकाय-चींटी, मकोड़े आदि। (८) चतुरिन्द्रियकाय-मक्खी, मच्छर, मकड़ी आदि। (९) पंचेन्द्रियकाय-तिर्यंच, पशु-गाय, घोड़ा आदि, पक्षी-कबूतर, चिड़िया आदि, जलचर-मछली
आदि। उरपरिसर्प-सांप आदि। भुजपरिसर्प-नेवला आदि। (१०) नारक (११) देव-सूर्य, चन्द्र, ज्योतिष्क देव, वैमानिक देव, असुर, नागकुमार आदि। (१२) मनुष्य-आर्य अनार्य आदि। इस प्रकार संसार-चक्र में जीव सतत परिभ्रमण करता रहा है।
-अध्ययन 10, सू. 5-16 THE CYCLES OF REBIRTH ___Earth-bodied beings-mountain, sand, gemstones etc.; ___Water-bodied beings-water of ocean, lake, river, well, ice etc.;
Fire-bodied beings-all kinds of fires and flames%3B
Air-bodied beings-various kinds of air;" (5) Plant-bodied beings-trees, flowers, roots, etc.; (6) Two-sensed beings-conch-shell, mother of pearl, worms etc.;
Three-sensed beings-ants, small insects etc.;
Four-sensed beings-house-flies, mosquitoes, spiders etc.; (9) Five-sensed beings-animals-cows, horses etc., birds-pigeons,
sparrows, etc., aquatic-fishes etc.; (10) Infernal beings; (11) Gods-Sun, Moon, Stellar Gods, Vaimanik Gods, Asur, naagkumar God
etc.; (12) This way soul continuous to wander in the cycle of rebirth.
___ -Chapter 10, Aphorism 5-16
9555555555555555555555555555555555555)))))))