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चित्र परिचय २५
जीवन की क्षणभंगुरता
Illustration No. 25
(1) यह जीवन वृक्ष के पत्ते की तरह नश्वर है । हरी-हरी कौंपलें (शिशुकाल) समय आने पर पीला पत्ता बनकर (जरा - जीर्ण होकर ) झड़ जाती हैं।
" (2) कुश (डाभ) की नोंक पर टिकी हुई ओस की बूँदें कुछ समय तक मोती की भाँति चमककर धूप लगते ही सूख जाती हैं- ऐसा क्षणिक् है मानव - जीवन ।
- अध्ययन 10, सू. 1-2
TRANSIENCE OF LIFE
(1) This life is transient like leaves of a tree. The green sprouts (childhood) with passage of time turn to yellow leaves (old age) and fall down. (2) Dew-drops at the tip of grass shine like pearls for a few moments but as the rays of sun-light touch them, they dry up. So transient is human life.
-Chapter 10, Aphorism 1-2
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