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चित्र परिचय १३
Illustration No. 13
अकाममरण-सकाममरण (1) दुस्कर संसार-सागर को पार कर तट पर पहुँचे हुये संसार-सागर पारगामी भगवान
महावीर ने यह उपदेश दिया है। (2) जो मद्य-माँस आदि को सेवन करने में गृद्ध है; धन एवं स्त्रियों में आसक्त है; ऐसे
अज्ञानी जीव अकाममरण प्राप्त करते हैं। (3) ध्यानी, स्वाध्यायी, संयमी और जितेन्द्रिय, पुण्यात्माओं का सकाममरण (मरण-उत्सवमय) होता है।
-अध्ययन 5, सू. 1
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DEATH AND PRUDENT DEATH
(1) Having crossed the difficult to cross worldly ocean Bhagavan Mahavir
has given this sermon. (2) Those who are obsessed with consuming flesh, liquors and the like
as well s infatuated with wealth and women, such ignorant persons
get naïve death. (3) The meritorious persons indulging in meditation, study, restraint and winning over senses embrace prudent death.
- Chapter 5, Aphorism I
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