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चित्र परिचय १२
Illustration No. 12
प्रज्ञाशील साधक
प्रज्ञाशील ज्ञानी साधक सोये (प्रमादी) लोगों में जागता (अप्रमत्त) रहता है। दो मुख एवं एक उदर वाले भारण्ड पक्षी की भाँति वह प्रतिक्षण सजग (चौकन्ना) और अप्रमादी होकर विचरता है।
-अध्ययन 4, सू. 6
WISE ASPIRANT Among sleeping (in stupor) people a wise and intelligent aspirant remains awakened (not in stupor). He remains ever awake and alert like a Bharand bird that has two mouths and one stomach.
- Chapter 4, Aphorism 6
NICOD
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