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[उ.] एवं चेव, नवरं जमाए रायहाणीए सेसं जहा सोमस्स। एवं वरुणस्स वि, नवरं । ॐ वरुणाए रायहाणीए। एवं वेसमणस्स वि, नवरं वेसमणाए रायहाणीए। सेसं तं चेव जाव नो ॥ है चेव णं मेहुणवत्तियं।
८. [प्र.] भगवन् ! चमरेन्द्र के यावत् लोकपाल यम महाराज की कितनी अग्रमहिषियाँ हैं? इत्यादि पूर्ववत् प्रश्न।
[उ.] (आर्यो!) (जिस प्रकार) सोम महाराज के सम्बन्ध में कहा है, उसी प्रकार यम महाराज के सम्बन्ध में भी कहना चाहिए; विशेष इतना है कि यम लोकपाल की राजधानी
यमा है। इसी प्रकार (लोकपाल) वरुण महाराज का भी कथन है। विशेष यही है कि वरुण ॐ महाराज की राजधानी का नाम वरुणा है। इसी प्रकार (लोकपाल) वैश्रमण महाराज के + विषय में भी कथन है। विशेष इतना ही है कि वैश्रमण की राजधानी वैश्रमण है। 'वे वहाँ मैथुन-निमित्तक भोग भोगने में समर्थ नहीं हैं।'
8. [Q.] How many chief consorts does Yama, the realm-guardian (lokapaal) of Chamarendra, the king of Asur-kumar gods have... and 41. so on up to... other questions as mentioned earlier ?
. [Ans.] (Noble ones !) What has been said about Soma should be ' repeated here for Yama, the only difference being that the capital city 41 of Lokapaal Yama is Yamaa. The same is true for Lokapaal Varun, the
only difference being that the capital city of Varun is Varuna. The same is also true for Lokapaal Vaishraman, the only difference being that the capital.city of Vaishraman is Vaishramana. ... and so on up to ... But they are unable to indulge in any carnal pleasures. बलीन्द्र लोकपालों का देवी-परिवार GODDESSES OF THE REALM-GUARDIANS OF BALINDRA
९. [प्र.] बलिस्स णं भंते ! वइरोयणिंदस्स० पुच्छा।
[उ.] अज्जो ! पंच अग्गमहिसीओ पन्नत्ताओ, तं जहा-सुंभा १, निसुंभा २, रंभा ३, निरंभा ४, मयणा ५। तत्थ णं एगमेगाए देवीए अट्ठट्ठ० सेसं जहा चमरस्स, नवरं बलिचंचाए रायहाणीए परियारो जहा मोउद्देसए (स. ३, उ. १), सेसं तं चेव, जाव मेहुणवत्तियं। __९. [प्र.] भगवन् ! वैरोचनेन्द्र वैरोचनराज बली की कितनी अग्रमहिषियाँ हैं?
___ [उ.] आर्यों! (बलीन्द्र की) पाँच अग्रमहिषियाँ हैं-१. शुम्भा, २. निशुम्भा, ३. रम्भा, ॐ ४. निरम्भा और ५. मदना। इनमें से प्रत्येक देवी (अग्रमहिषी) के आठ-आठ हजार देवियों के
का परिवार है; इत्यादि शेष समग्र वर्णन चमरेन्द्र के देवीवर्ग के समान है। विशेष इतना है :
| दशम शतक : पंचम उद्देशक
(49)
Tenth Shatak : Fifth Lesson |
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