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प्रथम उद्देशक
नरक एवं नारकी
o
असंख्यात योजन
-संख्यातयोजन
o
असंख्यात नारकी
संख्यात नारकी
द्वितीय उद्देशक
भवनवासी देवों के आवास
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- मेरु पर्वत
नरक वासों की संख्या पहली नरक-30 लाख दूसरी नरक - 25 लाख तीसरी नरक- 15 लाख चौथा नरक - 10 लाख पाँचवा नरक-3 लाख छठा नरक - 99995 सातवां नरक-5 कुल नरकावास-84 लाख
रत्नप्रभा पृथ्वी.
1,000 योजन
-प्रतर
अंतर
- प्रथम नरक का पृथ्वीपिण्ड
1,80,000 योजन
असुरकुमार के 64 लाख आवास नागकुमार के 84 लाख आवास सुवर्णकुमार के 72 लाख आवास विद्युतकुमार के 76 लाख आवास अग्निकुमार के 76 लाख आवास द्वीपकुमार के 76 लाख आवास उदधिकुमार के 76 लाख आवास दिशाकुमार के 76 लाख आवास पवनकुमार के 76 लाख आवास स्तनितकुमार के 76 लाख आवास 1,000 योजन
घनोदधि
घनवात
तनवात
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