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________________ 855555555555555555555555555555555555558 १९-२. [प्र.] से केणठेणं भंते ! एवं वुच्चइ अस्थि णं एएसिं पलिओवम-सागरोवमाणं 卐 जाव अवचयेइ वा? [उ.] एवं खलु सुदंसणा ! तेणं कालेणं तेणं समएणं हत्थिणापुरे नाम नयरे होत्था, वण्णओ। सहसंबवणे उज्जाणे, वण्णओ। १९-२. [प्र.] भगवन् ! ऐसा किस कारण से कहते हैं कि इन पल्योपम और सागरोपम का क्षय अथवा अपचय होता है? [उ.] (उदाहरण द्वारा समाधान-) हे सुदर्शन! उस काल और उस समय में हस्तिनापुर नाम का नगर था। उसका वर्णन समझना चाहिए। वहाँ सहस्राम्रवन नाम का एक उद्यान था। उसका वर्णन समझना चाहिए। 19-2. (Q.) Bhante! Why it is said that these Palyopam and Sagaropam get diminished or reduced ? ___[Ans.] (Explained by example) Sudarshan! During that period of time there was a city called Hastinapur. Description. Outside the city there was a garden named Sahasramravan. Description. . २०. तत्थ णं हत्थिणापुरे नयरे बले नामं राया होत्था, वण्णओ। [२०] उस हस्तिनापुर में 'बल' नामक राजा था। उसका वर्णन समझना चाहिए। 20. In Hastinapur ruled a king named Bal. Description. २१. तस्स णं बलस्स रण्णो पभावई नाम देवी होत्था सुकुमाल० वण्णओ जाव विहरइ। [२१] उस बल राजा की प्रभावती नाम की देवी (पटरानी) थी। उसके हाथ-पैर सुकुमाल थे, इत्यादि वर्णन समझना चाहिए; इस तरह वह पाँचों इन्द्रियों से परिपूर्ण होकर सुखपूर्वक अपने जीवन का निर्वाह करती थी। 21. The (chief) queen of King Bal was Prabhavati. She had delicate limbs (description)... and so on up to... lived happily. प्रभावती का वासगृह-शय्या-सिंहस्वप्न-दर्शन PRABHAVATI'S DREAM OF LION २२. तएणं सा पभावइ देवी अन्नया कयाइं तंसि तारिसगंसि वासघरंसि अभितरओ सचित्तकम्मे बाहिरओ दूमियघट्ठमढे विचित्तउल्लोयचिल्लियतले मणिरयणपणासियंधयारे 卐 बहुसमसुविभत्तदेसभाए पंचवण्णसरससुरभिमुक्कपुष्फपुंजोवयारकलिए कालागरु पवरकुंदुरुक्क-तुरुक्कधूवमघमघतगंधु याभिरामे सुगंधवरगंधिए गंधवट्टिभूए तंसि 555555555555555555555555555555555555555555 | भगवती सूत्र (४) (172) Bhagavati Sutra (4) 55555555555555555555555555555555558
SR No.002493
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapati Sutra Part 04 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages618
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_bhagwati
File Size22 MB
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