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छट्ठो उद्देसओ : सभा छठा उद्देशक : सभा (शक्रेन्द्र की सुधर्मा सभा) ___SHASHT UDDESHAK (SIXTH LESSON) :
SABHA (SUDHARMA ASSEMBLY)
शक्रेन्द्र की सुधर्मा सभा SUDHARMA ASSEMBLY OF SHAKRENDRA
___१. [प्र.] कहि णं भंते! सक्कस्स देविंदस्स देवरण्णो सभा सुहम्मा पन्नत्ता? म [उ.] गोयमा! जंबुद्दीवे दीवे मंदरस्स पव्वयस्स दाहिणेणं इमीसे रयणप्पभाए एवं
जहा रायप्पसेणइज्जे जाव पंच वडेंसगा पन्नत्ता, तं जहा-असोगवडेंसए जाव मज्झे ॐ सोहम्मवडेंसए। से णं सोहम्मवडेंसए महाविमाणे अद्धतेरस जोयणसयसहस्साइं # आयाम-विक्खंभेणं।
"एवं जह सूरियाभे तहेव माणं तहेव उववाओ।
सक्कस्स य अभिसेओ तहेव जह सूरियाभस्स॥" अलंकार अच्चणिया तहेव जाव आयरक्ख त्ति, दो सागरोवमाइं ठिई। १. [प्र.] भगवन्! देवेन्द्र देवराज शक्र की सुधर्मा सभा कहाँ है?
[उ.] गौतम! जम्बूद्वीप नामक द्वीप के मेरुपर्वत के दक्षिण दिशा में, इस रत्नप्रभा पृथ्वी के + बहुसम रमणीय भूभाग से अनेक कोटा-कोटि योजन दूर ऊँचाई में सौधर्म नामक देवलोक में + सुधर्मा सभा है; इस प्रकार सारा वर्णन राजप्रश्नीय सूत्र के अनुसार है, यावत् पांच अवतंसक
विमान कहे गए हैं; यथा-अशोकावतंसक यावत् मध्य में सौधर्मावतंसक विमान है। वह म सौधर्मावतंसक महा-विमान की लम्बाई और चौड़ाई साढ़े बारह लाख योजन है।
[गाथार्थ-] (राजप्रश्नीय सूत्रगत) शक्र का विमान-प्रमाण तथा उपपात, अभिषेक, अलंकार + तथा अर्चनिका, यावत् आत्म-रक्षक इत्यादि सारा वर्णन सूर्याभ देव के समान जानना चाहिए।
(केवल उसका प्रमाण जो शकेन्द्र का है वही मानना चाहिये) शकेन्द्र की स्थिति (आयु) दो सागरोपम की है। .
1. (Q.) Bhante! Where the Sudharma Assembly of Shakrendra, + the king of gods, is located?
. [Ans.] Gautam ! Many Kotakoti (millions of millions) Yojans above the beautiful level land of this Ratnaprabha Prithvi, to the south of Meru #mountain on this continent called Jambudveep, the said Sudharma
assembly is located in the divine realm called Saudharma. The detailed
दशम शतक: छठा उद्देशक
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Tenth Shatak : Sixth Lesson