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इस रत्नप्रभा पृथ्वी में ग्यारह पल्योपम स्थिति के कितने ही नारक कहे गए हैं। पाँचवीं पृथ्वी * धूमप्रभा है। इस पृथ्वी में कितने ही नारकों की स्थिति ग्यारह सागरोपम है। कितने ही असुरकुमार देव ग्यारह पल्योपम स्थिति के कहे गए हैं। इसी प्रकार सौधर्म-ईशान कल्पों के कितने ही देव भी ग्यारह * पल्योपम स्थिति के बताए गए हैं।
In this Ratanprabha hell same hellish beings have been said of the life span of eleven Palyopama duration. The name of the fifth hell is Dhumprabha. The life-span of the hellish beings of this hell is of eleven Sagropama. The malevolent demon of this hell have been said of eleven Palyopama' duration, the life span of the celestial beings of Sodharma and Ishan celestial vehicles kalpas has also been told of eleven Palyopama duration.
७६ - लंतए कप्पे अत्थेगइयाणं देवाणं एकारस सागरोवमाइं ठिई पण्णत्ता । जे देवा बंभं सुबंभं बंभावत्तं बंभप्पभं बंभकंतं बंभवण्णं बंभलेसं बंभज्झयं बंभसिंगं बंभसि बंभकूडं बंभुत्तरवडिंसगं विमाणं देवत्ताए उववण्णा तेसिं णं देवाणं एक्कारस सागरोवमाई ठिई पण्णत्ता । ते णं देवा एक्कारसण्हं अद्धमासाणं आणमंति वा पाणमंति वा, ऊससंति वा नीससंति वा । तेसिं ऋ णं देवाणं एक्कारसण्हं वाससहस्साणं आहारट्ठे समुप्पज्जइ ।
संतेगइया भवसिद्धिया जीवा जे एक्कारसहिं भवग्गहणेहिं सिज्झिस्संति बुज्झिस्संति मुच्चिस्संति परिनिव्वाइस्संति सव्वदुक्खाणमंतं करिस्सति ।
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लान्तक कल्प के कितने ही देवों की स्थिति ग्यारह सागरोपम कही गई है। जो जीव लान्तक कल्प के विमानों में देवों के रूप में उत्पन्न होते हैं, उनकी स्थिति ग्यारह सागरोपम कही गई है । विमानों की संख्या बारह बतायी गई है, यथा - १. ब्रह्म, २. सुब्रह्म, ३. ब्रह्मावर्त, ४. ब्रह्मप्रभ, ५. ब्रह्मकान्त, ६. ब्रह्मवर्ण, ७. ब्रह्मलेश्य, ८. ब्रह्मध्वज, ९. ब्रह्मभृंग, १०. ब्रह्मसृष्ट, ११. ब्रह्मकूट १२. ब्रह्मोत्तरावतंसक । फ्र वे देव ग्यारह अर्धमासों (साढ़े पाँच मासों) के अन्तराल से उच्छ्वास - नि:श्वास या आन-प्राण की क्रियाएँ करते हैं। वे देव ग्यारह हजार वर्ष बाद आहार की इच्छा रखते हैं।
कितने ही भव्यसिद्धिक जीव ग्यारह भव जन्म ग्रहण करेंगे। उसके उपरान्त वे सिद्ध-बुद्ध होंगे। वे कर्मों से मुक्ति पाकर परमनिर्वाण को प्राप्त होंगे। वे अन्ततोगत्वा सर्वदुःखों का शमन (अन्त) करेंगे।
The celestial beings of Lantak kalpa are told of the duration of eleven Sagropama. The celestial beings who reincarnate as a celestial beings in the vehicles have the life duration of is eleven Sagropama. The number of these Vimanas has been said twelve as:-1. Brahma, 2. Subrahma, 3.Brahmavrat, 4. Brahmaprabh, 5. Brahmakant, 6. Brahmavan, 7. Brahmleshya, 8. Brahmadhvaja, 9. Brahmashring, 10. Brahmasrisht, 11. Brahmakut, 12. Brahmottaravatansak. They do the activities of breathing in and breathing out or
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ग्यारहवां समवाय
Samvayang Sutra
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