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तीन नक्षत्र - आर्द्रा, चित्रा और स्वाति एक - एक तारा वाले कहे गए हैं।
Three Constellations Ardra, Chitra and Swati are said having one star each.
६ - इमीसे णं रयणप्पहार पुढवीए अत्थेगइयाणं नेरइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता । इमीसेणं रयणप्पहा पुढवीए नेरइयाणं उक्कोसेणं एगं सागरोवंम ठिई पन्नत्ता । दोच्चार पुढवीए नेरइयाणं जहन्नेणं एगं सागरोवमं ठिई पन्नत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता । असुरकुमाराणं देवाणं उक्कोसेणं एगं साहियं सागरोवमं ठिई पन्नत्ता । असुरकुमारिंद- वज्जियाणं भोमिज्जाणं देवाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता । असंखिज्जवासाउ- असन्नि - पंचिंदिय-तिरिक्ख - जोणियाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता। असंखिज्जवासाउय-गब्भवक्कंतियसन्निमणुयाणं अत्थेगइयाणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता । इसी रत्नप्रभा पृथ्वी में कितने ही नारकों की स्थिति एक पल्योपम और उनकी उत्कृष्ट स्थिति सागरोपम कही गई है। दूसरी शर्करा पृथ्वी में नारकों की जघन्य स्थिति एक सागरोपम है। असुर कुमार देवों की स्थिति एक पल्योपम और उत्कृष्ट स्थिति एक सागरोपम से कुछ अधिक अभिव्यक्त है। असुर कुमार देवों को छोड़कर शेष भवनवासी देवों की स्थिति एक पल्योपम बतायी गई है। इसी प्रकार असंख्यात वर्षायुष्क संज्ञी पंचेन्द्रिय तिर्यग्योनिक जीवों की स्थिति और असंख्यात वर्षायुष्क गर्भोपक्रान्तिक संज्ञी मनुष्यों की स्थिति एक - एक पल्योपम व्यवहृत है।
In Ratan Prabh hell the life span of the hellish beings is of one Palyopama and the maximum life has been said of one Sagropama. In the second hell named 'Sharkara' the minimum life is of one 'Sagropama' and the life span of the (malevolent demon) Asur Kumar gods is of one Palyopama and the maximum is a little more than one Sagropama. Except Asur Kumar, the life span of other gods of Bhuvanpati (residential) is said of one Palyopama duration. Hence the life span of innumerable Versapusk being of (rational) Sanjni Panchendriya animal yoni and innumerable Varsapusk Garbho-Krantik Sangi human beings are said of one Palyopama duration.
७ - वाणमंतराणं देवाणं उक्कोसेणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता । जोइसियाणं देवाणं उक्कोसेणं एगं पलिओवमं वाससयसहस्समब्भहियं ठिई पन्नत्ता | सोहम्मे कप्पे देवाणं जहन्नेणं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता | सोहम्मे कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं एगं सागरोवमं ठिई पन्नत्ता । ईसाणे कप्पे देवाणं जहन्नेणं साइरेगं एगं पलिओवमं ठिई पन्नत्ता । ईसाणे कप्पे देवाणं अत्थेगइयाणं एगं सागरोवमं ठिई पन्नत्ता ।
वाणव्यन्तर देवों की उत्कृष्ट स्थिति एक पल्योपम तथा ज्योतिष्क देवों की उत्कृष्ट स्थिति एक लाख वर्ष से अधिक एक पल्योपम कही गई है। सौधर्मकल्प में देवों की जघन्य स्थिति एक पल्योपम
पहला समवाय
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Samvayang Sutra
蛋蛋蛋!
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