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________________ 听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听坎听听听听听听 These above mentioned famous persons will be nine counter-enemies (Prati Vasudeva) of Lords (Vasudevas). These all will be the discus warrior and will * get killed from their own discus. ६७४-जंबुद्दीवे [णं दीवे ] एरवए वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए चउव्वीसं तित्थयरा भविस्संति। तं जहा सुमंगले य सिद्धत्थे णिव्वाणे य महाजसे। धम्मज्झए य अरहा आगमिस्साण होक्खई ।।८९ ।। सिरिचंदे पुप्फके ऊ महाचंदे य के वली। सुयसागरे य अरहा आगमिस्साण होक्खई ।।१०।। सिद्धत्थे पुण्णघोसे य महाघोसे य के वली। सच्चसेणे य अरहा आगमिस्साण होक्खई ।।११।। सूरसेणे य अरहा महासेणे य के वली। सव्वाणंदे य अरहा देवउत्ते य होक्खई ।।१२।। सुपासे सुव्वए अरहा अरहे य सुकोसले। अरहा अणंतविजए आगमिस्साण होक्खई ।।१३।। विमले उत्तरे अरहा अरहा य महाबले। देवाणंदे य अरहा आगमिस्साण होक्खई ।।१४।। एए वुत्ता चउव्वीसं एरवयम्मि के वली। आगमिस्साण होक्खंति धम्मतित्थस्स देसगा।।९५॥ इसी जम्बूद्वीप के ऐरावत वर्ष में आगामी उत्सर्पिणी काल में चौबीस तीर्थंकरों के होने का उल्लेख | है। इन चौबीस तीर्थंकरों के नाम इस प्रकार हैं-1. सुमंगल, 2. सिद्धार्थ, 3. निर्वाण, 4. महायश, 5. धर्मध्वज, 6. श्रीचन्द्र, 7. पुष्पकेतु, 8. महाचन्द्र केवली, 9. श्रुतसागर अर्हन्, 10. सिद्धार्थ, 11. पूर्णघोष, 12. महाघोष केवली, 13. सत्यसेन अर्हन्, 14. सूरसेन अर्हन् 15. महासेन, केवली, | 16. सर्वानन्द, 17. देवपुत्र अर्हन्, 18. सुपार्श्व, 19. सुव्रत अर्हन्, 20. सुकोशल अर्हन्, 21. अनन्तविजय अर्हन्, 22. विमल अर्हन् 23. महाबल अर्हत् और 24. देवानंद अर्हन्। आगामी उत्सर्पिणी काल में उपरोक्त चौबीस तीर्थंकर ऐरावत वर्ष में उत्पन्न होकर धर्म-तीर्थ की देशना करने वाले होंगे।।89-95।। In the Airavat Varsh of this Jambu continent, in this coming ascending time cycle (Utsarpini Kaal), it has been described that there will be twenty four Fordmakers as follows: 1. Sumangal, 2. Siddharth, 3. Nirvana, 4. Mahayash, 明 $ $$$$$$$听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听听 समवायांग सूत्र % % % % 357 % % Great Persons % % % % % % % % % % % % % % % %% % % % % % % %
SR No.002488
Book TitleAgam 04 Ang 04 Samvayang Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2013
Total Pages446
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_samvayang
File Size18 MB
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