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%% %% %% %%% % %% % %为 5 5%% %%% %% %% % %% ] के इन भविष्यकालीन चौबीस तीर्थंकरों के पूर्वभव के चौबीस नाम क्रम से इस प्रकार हैं-1. श्रेणिक, 22. सुपार्श्व, 3. उदय, 4. प्रोष्ठिल अनगार, 5. दृढायु, 6. कार्तिक, 7. शंख, 8. नन्द, 9. सुनन्द, 10. में शतक, 11. देवकी, 12. सात्यकि, 13. वासुदेव, 14. बलदेव, 15. रोहिणी, 16. सुलसा 17. रेवती, | 18. शताली, 19. भयाली, 20. द्वीपायन, 21. नारद, 22. अंबड, 23. स्वाति, 24. बुद्ध। ये भावी तीर्थंकरों के पूर्वभव के नाम कहे गए हैं।।79-82।।
The names of the previous births of these futuristic twenty four Fordmakers are as follows respectively : 1. Shrenik, 2. Suparshava, 3. Uday, 4. | Proshthil Anagar, 5. Dridhayu, 6. Kartik, 7. Shankh, 8. Nand, 9. Sunand, 10. Shatak, 11. Devaki, 12. Satyaki, 13. Vasudeva, 14. Baldeva, 15. Rohini, 16. Sulasa, 17. Revati, 18. Shatali, 19. Bhayali, 20. Dviyapan, 21. Narad, 22. Amband, 23. Swati and 24. Budh..
These are the names of previous births of the upcoming Tirthankars, it Fl should be known. । ६६९-एएसिं णं चउव्वीसाए तित्थगराणं चउव्वीसं पियरो भविस्संति, चउव्वीसं मायरो | भविस्संति, चउव्वीसं पढमसीसा भविस्संति, चउव्वीसं पढमसिस्सणीओ भविस्संति, चउव्वीसं | पढमभिक्खादायगा भविस्संति, चउव्वीसं चेइयरुक्खा भविस्संति।
उक्त चौबीस तीर्थंकरों के चौबीस पिता होंगे, चौबीस माताएं होंगी, चौबीस प्रथम शिष्य होंगे, 12 चौबीस प्रथम शिष्याएं होंगी, चौबीस प्रथम भिक्षादाता होंगे और चौबीस चैत्यवृक्ष होंगे।
There would be twenty four fathers, twenty four mothers, twenty four chief disciples, twenty four chief female disciples, twenty four pioneer alms donor and twenty four chaitya trees of these above mentioned twenty four Ford-makers.
६७०-जंबुद्दीवे णं दीवे भारहे वासे आगमिस्साए उस्सप्पिणीए बारस चक्कवट्टिणो भविस्संति। तं जहा
भरहे य दीहदंते गूढदंते य सुद्धदंते य। सिरिउत्ते सिरिभूई सिरिसोमे य सत्तमे ।।८३।। पउमे य महापउमे विमलवाहणे (लेतह) विपुलवाहणे चेव।
रिट्ठे बारसमे वुत्ते आगमिस्सा भरहाहि वा।।८४ ।। इसी जम्बूद्वीप के भारतवर्ष में आगामी उत्सर्पिणी काल में बारह चक्रवर्ती का होना कहा गया । है। यथा-1. भरत, 2. दीर्घदन्त, 3. गूढदन्त, 4. शुद्धदन्त, 5. श्री पुत्र, 6. श्री भूति, 7. श्री सोम, 8. ॐ पद्म, 9. महापद्म, 10. विमलवाहन, 11. विपुलवाहन, 12. रिष्ट। ये बारह चक्रवर्ती आगामी उत्सर्पिणी || काल में भरत क्षेत्र के अधिपति यानि स्वामी होंगे।।83-84।।
महापुरुष %%%% %%%
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Samvayang Sutra
%%%% %%%为男
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