________________
新事
卐卐卐卐卐卐卐卐
चौदह पूर्वों के अधिकार आदि का वर्णन इस प्रकार से है । उत्पाद पूर्व की दश वस्तु यानि दश अधिकार हैं और चार चूलिकावस्तु हैं । अग्रायणीय पूर्व की चौदह वस्तु और बारह - चूलिका वस्तु हैं। वीर्य प्रवाद पूर्व की आठ वस्तु और आठ चूलिका वस्तु हैं। अस्तिनास्तिप्रवाद पूर्व की अठारह वस्तु और दश चूलिका वस्तु हैं । ज्ञान प्रवाद पूर्व की बारह वस्तु हैं । सत्य प्रवाद पूर्व की दो वस्तु हैं। आत्मप्रवाद पूर्व की सोलह वस्तु हैं। कर्म प्रवाद पूर्व की तीस वस्तु हैं । प्रत्याख्यान पूर्व की बीस वस्तु हैं। विद्यानुप्रवादपूर्व की पन्द्रह वस्तु हैं । अबन्ध्य पूर्व की बारह वस्तु हैं । प्राणायुपूर्व की तेरह वस्तु हैं । क्रियाविशाल पूर्व की तीस वस्तु हैं। लोकबिन्दुसार पूर्व की पच्चीस वस्तु कही गई हैं।
Jurisdictions etc of the fourteen Poorvas are described as such:- There are ten objects i.e. ten authorities of Utpada-poorva and four Chulikas (annexure), fourteen object and twelve Chulikas of Agrayani Poorva, eight objects and eight Chulikas of Virya Pramad Poorva, eighteen objects and ten chulikas of Astinaastic Pravad Poorva, twelve Objects of Gyan Pravad Poorva, two objects of Satya Pravad Poorva, sixteen objects of Atamn Pravad Poorva, thirty objects of Karama Pravad Poorva, twenty objects of PratyaKhyan Poorva, fifteen objects of Vidyanupravad Poorvas. There are twelve objects of Abandhya Poorva, Prannaya Poorva has thirteen objects. Thirty objects are of Kriyavishal, fifty five objects have been said of Lokbindusaar.
५६५
दस चोद्दस अट्ठट्ठारसे व बारस दुवे य वत्थूणि । सोलस तीसा वीसा पन्नरस अणुप्पवाययंमि । । १ ।। बारस एक्कारसमे बारसमे तेरसमे वत्थूणि । तीसा पुण तेरसमे चउदसमे पन्नवीसाओ ।।२ ।। चत्तारि दुवाल अट्ठ चेव दस चेव चूलवत्थूणि । आइल्लाण चउण्हं सेसाणं चूलिया णत्थि ॥ ३॥
सेतं पुव्यं ।
उपर्युक्त वस्तुओं की संख्याओं का प्रतिपादन करने वाली गाथाएँ इस प्रकार हैं- प्रथम पूर्व में दश, दूसरे में चौदह, तीसरे में आठ, चौथे में अठारह, पाँचवें में बारह, छठे में दो, सातवें में सोलह, आठवें में तीस, नवमें में बीस, दशवें विद्यानुप्रवाद में पन्द्रह, ग्यारहवें में बारह, बारहवें में तेरह, तेरहवें में तीस और चौदहवें में पच्चीस वस्तु नाम महाधिकार हैं। आदि के चार पूर्व में क्रम से चार, बारह, आठ और दश चूलिका नामक अधिकार हैं। शेष दश पूर्वों में चूलिका नामक अधिकार नहीं हैं। यह पूर्वगत है।
समवायांग सूत्र
The couplets explaining the numbers of these aforesaid objects are as follows:
289
Ganipittak
फ्र
卐卐乐出乐乐将乐乐乐乐乐将乐出乐乐出乐乐乐乐乐蛋蛋蛋蛋