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________________ वस्त्र - संधान-बंधन प्रायश्चित्त THE ATONMENT OF STITCHING REPARING OF CLOTHS ४७. जे भिक्खू वत्थस्स एगं पडियाणियं देइ देतं वा साइज्जइ । ४८. जे भिक्खू वत्थस्स परं तिण्हं पडियाणियाणं देइ देतं वा साइज्जइ । ४९. जे भिक्खू वत्थं अविहीए सिव्वइ, सिव्वंतं वा साइज्जइ । ५०. जे भिक्खू वत्थस्स एवं फालियं-गंठियं करेइ, करेंतं वा साइज्जइ । ५१. जे भिक्खू वत्थस्स परं तिण्हं फालियं - गठियाणं करेइ, करेंतं वा साइज्जइ । ५२. जे भिक्खू वत्थस्स एवं फालियं - गण्ठेड़, गठतं वा साइज्जइ । ५३. जे भिक्खू वत्थस्स परं तिण्हं फालियाणं गंठेड़, गंठेतं वा साइज्जइ । ५४. जे भिक्खू वत्थं अविहीए गंठेड़, गंठतं वा साइज्जइ । ५५. जे भिक्खू वत्थं अतज्जाएण गहेइ, गर्हतं वा साइज्जइ । ५६. जे भिक्खू अइरेग-गहियं वत्थं परं दिवड्ढाओ मासाओ धरेइ धरेंतं वा साइज्जइ । ४७. जो भिक्षु वस्त्र में एक थेगली लगाता है अथवा लगाने वाले का समर्थन करता है। ४८. जो भिक्षु वस्त्र के तीन से अधिक थेगली लगाता है अथवा लगाने वाले का समर्थन करता है। ४९. जो भिक्षु वस्त्र को अविधि से सीता है अथवा सीने वाले का समर्थन करता है। ५०. जो भिक्षु फटे वस्त्र के एक गाँठ लगाता है अथवा लगाने वाले का समर्थन करता है। ५१. जो भिक्षु फटे वस्त्र के तीन से अधिक गाँठ लगाता है अथवा लगाने वाले का समर्थन करता है । ५२. जो भिक्षु फटे वस्त्र को एक सिलाई से जोड़ता है अथवा जोड़ने वाले का समर्थन करता है। ५३. जो भिक्षु फटे वस्त्र को तीन सीवण से अधिक जोड़ता है अथवा जोड़ने वाले का समर्थन करता है । ५४. जो भिक्षु वस्त्र को अविधि से जोड़ता है अथवा जोड़ने वाले का समर्थन करता है। ५५. जो भिक्षु एक प्रकार के कपड़े को दूसरे प्रकार के कपड़े से जोड़ता है अथवा जोड़ने वाले का समर्थन करता है। ५६. जो भिक्षु अतिरिक्त जोड़ आदि के वस्त्र को डेढ़ मास से अधिक काल तक रखता है अथवा रखने वाले का समर्थन करता है । (उसे गुरुमासिक प्रायश्चित्त करना होता है ।) 47. The ascetic who patches the cloth once or supports who does so. 48. The ascetic who gets grafted the cloth more than thrice or supports the one who does so. 49. The ascetic who sews the cloths without proper manner or supports the one who does so. 50. The ascetic who ties the knot once to the torn cloth or supports the ones who does so. निशीथ सूत्र (20) Nishith Sutra
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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