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________________ सर्प (नेवले) का युद्ध, शूकरयुद्ध आदि किसी भी प्रकार के युद्ध को देखने के लिए जाता है और अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। पर 24. जो भिक्षु विवाह मंडप, अश्व-यूथ (समूह) का स्थल, गज-यूथ स्थल, सेना समुदाय या वधस्थान पर ले जाते हुए चोरादि को देखने जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। पर 25. जो भिक्षु सभास्थल (भाषण के स्थान), धान्यादि के माप-तौल आदि का स्थल, महान् शब्द करते हुए बजाये जाते वाद्य-नृत्य-गीत-तंत्री-तल-ताल-त्रुटित-घण-मृदंग आदि बजाने के स्थलों घरे को देखने के लिए जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। र 26. जो भिक्षु सामान्यजन-कलह, राजा, युवराज आदि का गृहकलह, परशत्रु राजा का उपद्रव, महायुद्ध (शस्त्रयुद्ध), चतुरंगिणी सेना युक्त महासंग्राम, जुआ खेलने के स्थल, जन-समूह के स्थल को देखने के लिए जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। 327. जो भिक्षु काष्ठ-कर्म, पुस्तक-कर्म, चित्र-कर्म, मणि-कर्म, दंत-कर्म, फूलों को गूंथकर मालादि बनाने का स्थल, फूलों को वेष्टित करके माला आदि बनाने का स्थल, रिक्त जगह को फूलों आदि से पूरित करने का स्थल, फूलों को संग्रह करके गुच्छा आदि बनाने का स्थल, अन्य भी विविध वेष्ट कर्मों के स्थलों को देखने के लिए जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। घा 28. जो भिक्षु अनेक प्रकार के महोत्सवों में जहाँ पर कि अनेक वृद्ध, युवक, बालक, पुरुष या स्त्रियाँ सामान्य वेष में या वस्त्राभूषणों से सुसज्जित होकर गाते, बजाते, नाचते, हँसते, क्रीड़ा करते, पर मोहित करते, विपुल अशन, पान, खाद्य या स्वाद्य आहार खाते या बाँटते हों तो उन्हें देखने के लिए जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। 29. जो भिक्षु मेलों, पितृभोजस्थलों, इन्द्र महोत्सव यावत् आगर महोत्सवों या अन्य भी ऐसे महोत्सवों को देखने के लिए जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। और 30. जो भिक्षु अनेक बैलगाड़ियों, रथों, म्लेच्छ या लुटेरे आदि के महाआश्रव वाले (पाप) स्थानों को घरे देखने के लिए जाता है अथवा जाने वाले का समर्थन करता है। 1331. जो भिक्षु इहलौकिक या पारलौकिक, देखे या बिना देखे, सुने या बिना सुने, जाने या अनजाने रूपों 2 को देखने में आसक्त होता है, अनुरक्त होता है, गृद्ध होता है, मूर्छित होता है अथवा आसक्त अनुरक्त, गृद्ध और मूच्छित होने वाले का समर्थन करता है। (उसे लघुचौमासी प्रायश्चित्त आता है।) The ascetic who goes to see the field, trench. Fence, arch, doors, doorframes, caves, the basement of a palace like a summit, tree-house, Mountain house, trees monasteries, tomb monasteries, furnish, religious abode, temple, Assembly hall, drinking water stand, shops, godown, garage, Vehicle stand, limes Industries, ropemaking place, leather goods making places, Bark garment making places, forestry plants industries, Coal Industries, timber industries, cremation grounds, Mountains, caves abode, stone work places, building and house or supports the ones who goes for sight seeing infatuations. बारहवाँ उद्देशक (217) Twelfth Lesson
SR No.002486
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Sthanakavsi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2015
Total Pages452
LanguageHindi, Prakrit, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & agam_nishith
File Size20 MB
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