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वस्त्र-निर्माण आदि के प्रायश्चित्त THE EXPIATION OF MAKING GARMENTS ETC. 10. जेभिक्खूमाउग्गामस्स मेहुणवडियाए
1.आइणाणिवा, 2. सहिणाणिवा,3. सहिणकल्लाणाणिवा,4. आयाणि वा, 5. कायाणि वा, 6. खोमियाणि वा, 7. दुगुल्लाणि वा, 8. तिरीडपट्टाणि वा, 9. मलयाणि वा, 10. पत्तुण्णाणि वा, 11. अंसुयाणि वा, 12. चिणंसुयाणि वा, 13. देसरागाणि वा, 14. अमिलाणि वा, 15. गज्जलाणि वा, 16. फालिहाणि वा, 17. कोयवाणि वा, 18. कंबलाणिवा, 19. पावराणि वा, है 20. उद्दाणि वा, 21. पेसाणि वा, 22. पेसलेसाणि वा, 23. किण्हमिगाईणगाणि वा, 24. नीलमिगाईणगाणि वा, 25. गोरमिगाईणगाणिवा,26. कणगाणि वा, 27:कणगंताणि वा, 28. कणगपट्टाणि वा,29. कणगखचियाणि वा,30. कणगफुसियाणि वा, 31. वग्घाणि वा, 32.
विवग्घाणिवा, 33. आभरण-चित्ताणिवा,34.आभरण-विचित्ताणिवा करेइ, करेंतंवा साइज्जइ। 11. जे भिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आइणाणि वा 'जाव' आभरण-विचित्ताणि वा धेरेइ, 30
धरेंतं वा साइज्जइ। 12. जेभिक्खू माउग्गामस्स मेहुणवडियाए आइणाणि वा जाव' आभरण-विचित्ताणि वा पिणद्धेइ,
पिणखेंतं वा साइज्जइ। 10. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से
1. मूषक आदि के चर्म से निष्पन्न वस्त्र, 2. सूक्ष्म वस्त्र, 3. सूक्ष्म व सुशोभित वस्त्र, 4. अजा के 40 सूक्ष्म रोम से निष्पन्न वस्त्र, 5. इन्द्रनीलवर्णी कपास से निष्पन्न वस्त्र, 6. सामान्य कपास से निष्पन्न 48 सूती वस्त्र, 7. गौड देश में प्रसिद्ध या दुगुबल वृक्ष से निष्पन्न विशिष्ट कपास का वस्त्र, 8. तिरीडर वक्षावयव से निष्पन्न वस्त्र.9. मलयागिरिचंदन के पत्रों से निष्पन्न वस्त्र.10. बारीक बालों-तंतओं से निष्पन्न वस्त्र, 11. दुगुल वृक्ष के अभ्यंतरावयव से निष्पन्न वस्त्र, 12. चीन देश में निष्पन्न अत्यन्त सक्ष्म वस्त्र. 13. देश विशेष के रंगे वस्त्र. 14.रोम देश में बने वस्त्र.15. चलने पर आवाज करने वाले वस्त्र. 16. स्फटिक के समान स्वच्छ वस्त्र.17. वस्त्र विशेष'कोतवो-वरको'. 18. कंबल.4 19. कंबल विशेष-'खरडग पारिगादि, पावारगा', 20. सिंधु देश के मच्छ के चर्म से निष्पन्न वस्त्र, 21. सिन्ध देश के सक्ष्म चर्म वाले पश से निष्पन्न वस्त्र, 22. उसी पश की सक्ष्म पश्मी से रे निष्पन्न, 23. कृष्ण मृग चर्म, 24. नील मृग चर्म, 25. गौर मृग चर्म, 26. स्वर्ण-रस से लिप्त साक्षात् स्वर्णमय दिखे ऐसा वस्त्र, 27. जिसके किनारे स्वर्ण रसरंजित किये हों ऐसा वस्त्र, 28. स्वर्ण रसमय पट्टियों से युक्त वस्त्र, 29. सोने के तार जड़े हुए वस्त्र, 30. सोने के स्तबक या फूल जड़े हुए वस्त्र, 31 व्याघ्र चर्म, 32. चीते का चर्म, 33. एक प्रकार के आभरणों से युक्त वस्त्र, 34. अनेक प्रकार के
आभरणों से युक्त वस्त्र, बनाता है अथवा बनाने वाले का समर्थन करता है। 11. जो भिक्षु स्त्री के साथ मैथुन सेवन के संकल्प से मूषक आदि के चर्म से निष्पन्न वस्त्र यावत् र
अनेक प्रकार के आभरणों से युक्त वस्त्र धारण (रखना) करता है अथवा धारण करने वाले का से समर्थन करता है।
निशीथ सूत्र
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Nishith Sutra