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समर्पण
जिनकी असीम कृपा वरसी .... जिन माता-पिता ने जन्म एवं संस्कार देकर इस जिन शासन
में प्रवेश दिलाया..... चारित्र के पथपर अग्रसर किया, भवकूप में से उद्धार करके
बहार निकाला, हाथ पकडा ... आत्म कल्याणकारी - संयम धर्म की भागवती प्रव्रज्या देकर जीवन के
शिल्पी बने ... ऐसे .... . गच्छाधिपति पू. आचार्य देव श्रीमद् विजय
प्रेमसूरीश्वरजी महाराज साहब. ___ एवं पू. स्व. आचार्य देव श्री सुबोधसूरीश्वरजी म.सा.
के कर कमलों में सादर अर्पण
Naraliactati...
- अरुणविजय