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पुस्तक का नाम : “नमस्कार महामंत्र का अनुप्रेक्षात्मक विज्ञान " • लेखक और प्रवचनकार : पंन्यास अरुणविजय गणिवर्य महाराज
(राष्ट्रभाषा रत्न, साहित्य रत्न M.A.) न्याय दर्शनाचार्य M.A.
• अनुवादक - श्रीमान् जसराजजी सिंघी • प्रूफ संशोधक मुनिश्री हेमन्तविजय महाराज
• विषय : “ अरिहंत पद का स्वरुप "
आर्थिक सहयोग : श्री लुणावा जैन वे मू. संघ, लुणावा. राज.
• निमित्त : लुणावा चातुर्मास में आयोजित नवकार सम्मेलन प्रसंग पर श्री महावीर जैन साहित्य प्रकाशन पुष्प - ४०.
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प्रकाशक संस्था : श्री महावीर रिसर्च फाउण्डेशन - वीरालयम् पो. वीरालयम् - जांभुलवाडी, ( आंबेगांव खुर्द)
देहुरोड, कात्रज बायपास, मुंबई-पुणे NH 4 पुना ४११०४६. टाइप सेटिंग : किरिट वडेचा - हितेश वडेचा - भायखला - मुंबई. मुद्रक : रमणिकलाल रामचंद सलोत.
• हिन्दी संस्करण : प्रथम आवृत्ति प्रति : १०००
वीर सं. २५२४
वि.सं. २०५४
ई.स. १९९८
कीमत सिर्फ ७०.०० रुपये
पू. साधु-साध्वीजी महाराजों एवं ज्ञान भंडारों को सादर भेट -: प्राप्ति स्थान :
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१. सरस्वती पुस्तक भण्डार
११२, रतन पोल, हाथी खाना, रिलीफ रोड, अमदावाद ३८०००१.
२. श्री पार्श्व प्रकाशन. नीशापोल नाके प्रगति बैंक उपर, वाड, अमदावाद - ३८०००१.
३. श्री १०८ पार्श्व
भक्ति विहार पो. शंखेश्वर - हाईवे, वाया हारीज. जि. महेसाणा उ. गुजरात - ३.
४. वीरालयम् गीरीश ह. शाह २५३/५९, गीतांजली, १ ले माले रुम नं. १, प्रार्थना समाज,
झवेरी
वी.पी. रोड, बम्बई - ४.
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