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भीषण महापाप होगा ? इसकी तो कल्पना से भी सिहरन पैदा हो जाती है तो फिर यह सब पाप किसके सिर गया ? इसका उत्तरदायी कौन ? ऐसे भयंकर और बड़े युद्ध करवाने वाला या करने वाला ? दोनों प्रकार से गिनो तो ऐसे युद्धों के विजेताओं को जो लोग भगवान कहना चाहते हैं वे उन्हें ही मुबारक हैं जो पापहिंसा के मार्ग पर भगवान बनने का कहते हैं । तो फिर शैतान किस मार्ग पर चलने से बना जाता है ? इस प्रश्न का वे क्या उत्तर देंगे ?
इतना ही नहीं, बल्कि और भी आगे बढ़ें तो पता चलेगा कि युद्ध तो कुछ नहीं, बल्कि अखिल धरा (पृथ्वी) को २१-२१ बार निःक्षत्रीय बनाने वाले कितने ही करोडों अरबों लोगों के प्राण हर्ता भी भगवान कहलाएँ और दूसरी ओर इस सृष्टि का सर्वथा प्रलय महा प्रलय करने में कितना बड़ा भयंकर नर संहार कहलाए ? सम्पूर्ण सृष्टि ही समाप्त कर दी जाए, एक चिड़ीया भी जीवित न रह सके ऐसा भयंकर नर संहार किया जाए और वह भी भगवान ईश्वर ही करे ।. कितने जीवों को मारे, असंख्य नहीं अनंत जीवों का संहार कर डाले । समस्त जीव- सृष्टि का संहार करके समाप्त कर डालने में हिंसा लगे या अहिंसा ?
नहीं - नहीं - जरा भी हिंसा नही, तो फिर वैज्ञानिक विनाशक शक्ति के बम बना रहे हैं, जापान के प्रसिद्ध हिरोशीमा और नागासाकी शहर इन विनाशकारी बमों के प्रमाण रूप हैं, भयंकर नर-संहार के आँकड़े आज भी बोलते है । यह तो ४०-४५ वर्ष पुरानी बात है । वर्तमान में तो वैज्ञानिकों ने कितने जलद भयंकर भारी अणुबमों का निर्माण किया है ? मात्र ३० से ४० मिनट में ही आज की सम्पूर्ण दुनिया को समाप्त कर दें - इतने वे समर्थ हैं ।
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भले ही मान ले .. परन्तु इस भयंकर संहार से उपार्जित हिंसा का पाप किसके सिर चढेगा ? क्या इस पाप की कल्पना हो सकती है ? और फिर भी ऐसा पाप करके लाखों करोड़ो का नर संहार करके इतना प्रलय किया है - ऐसा कहकर ईश्वर की उपाधि से विभूषित होने की स्पर्धा तो नहीं करते न ? कितना यश कमायेंगे । परन्तु क्या इस नर संहार को सृष्टि का आंशिक प्रलय मानकर भी ईश्वर बनने की भावना पैदा की जाएगी ? ऐसे बड़े बड़े नर संहारो से तो इतिहास के पृष्ट भरे पड़े हैं । हिटलर ने कितनी बड़ी संख्या में मनुष्यों को क्रूर काल का कौर बनाया था । चर्चिल और मुसोलिनी को भी कौन भूल पाया है ? लेनिन ने क्रांति लाने के नाम पर कितनों को मौत के घाट उतार दिया था ? रक्तमयी क्रांति में रक्त की मानो नदीयाँ ही बही हैं । ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई थी पर उसका
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