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आगम प्रकाशन प.पू.पंन्यास प्रवर श्री अरुणविजयजी गणिवर्य महाराज सा. द्वारा संकलितसंपादित तथा मुनि श्री हेमन्तविजयजी महाराज द्वारा प्रूफ शुद्धिकरण करके SHREE MAHAVEER RESEARCH, FOUNDATION संस्था की तरफ से मूल-टीका-गुर्जरानुवाद सह प्रताकारे प्रकाशित आगम शास्त्र - विपाक सूत्र :- ४५ आगम में ११ अंग सूत्र का ११वा अंगसूत्र रुप उपासक दशांग सूत्र :- ४५ आगम में ११ अंग सूत्र का ७ वा अंगसूत्र रुप श्री अंतगड-अनुत्तरोपपातिक दशा सूत्र :- ४५ आगम में ११ अंग सूत्र का ८वा एवं ९वा अंगसूत्र | श्री निरयावलिका सूत्र :- ४५ आगम में १२ उपांग सूत्र का ५वा उपांग सूत्र ज्ञानार्णव - ज्ञानबिन्दुश्च महामहोपाध्याय श्री यशोविजयजी म.द्वारा विरचित नव्य न्याय भाषा में प्रताकार ग्रन्थ
आगामी प्रकाशन
SPECIALHAND MADE PAPER पर लंबे काल तक टीक सके ऐसी श्याही से सुंदर मुद्रण हो रहा है आगम शास्त्र। भगवती सूत्र :- भाग २ और ३, ४५ आगम सूत्रों में ११ अंग सूत्र में पंचमांग श्री व्याख्या प्रज्ञप्ति (भगवती) सूत्र मूल-टीका सह प्रकाशन । श्री पन्त्रवणा सूत्र :- भा १,२ और ३ गुर्जरानुवाद के साथ । जीवाभिगम सूत्र :- भाग १ और २ श्री सूयगडांग सूत्र :- भाग १ और २ श्री आचारांग सूत्र :- भाग १ और २
प.पू. साधु - साध्वीजी तथा पदस्थो को तथा ज्ञान भंडारो को भेट दिये जा रहे है।
SHREE MAHAVEER RESEARCH FOUNDATION वीरालयम् जैन तीर्थ
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