________________
है । १. जीवों के मुख से निकली ध्वनि- सचित्त, २. वस्तु के गिरने आदि आपात-प्रत्याघात से उत्पन्न ध्वनि- अचित्त शब्दध्वनि है । और ३. मनुष्यादि द्वारा ढोल-वाद्ययंत्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि मिश्र ध्वनि है । यह पौद्गलिक है । अतः यंत्र-गाह्य है, श्राव्य है । यह आकाश गुण नहीं है ।
अंधकार
२. अंधकार
उद्यात
यह भी एक स्वतंत्र पौद्गलिक द्रव्य है । तेज का अभाव तम अर्थात् प्रकाश के अभाव को अंधकार नहीं कहा गया है । यह भी वर्णादि युक्त स्वतंत्र पुद्गल द्रव्य है।
३. उद्योत
उजाला, प्रकाश यह भी वर्णादि गुणयुक्त स्वतंत्र पौद्गलिक द्रव्य है।
Vinophitheli/AMIDL0040
प्रभा
४. प्रभा
बाहरी प्रकाश सीधा अन्दर आते हुए भी उसकी प्रभा रहती है । इसके भी वर्णादि हैं।
५.छाया.
या
एक पदार्थ पर पडनेवाले प्रकाश के पीछे जो छाया रहती है वह भी पौद्गलिक है।
६. आतप
ना
आतप
सूर्य के प्रकाश को आतप कहते हैं। यह उष्णतादि गुणयुक्त पौद्गलिक द्रव्य है ।
आध्यात्मिक विकास यात्रा