________________
भिन्न-भिन्न खाद्य सामग्री है । किसी में चाय, किसी में दूध, किसी में सब्जी-चावलदाल आदि । उन भगोनों पर ढक्कन ढक दिया इससे ये पदार्थ उन भगोगों में ढक
આવરણ (આચ્છાદક)
(નાવણીય58
મયુરી
गए । छिप गए । ठीक उसी तरह आत्मा के भिन्न-भिन्न ८ गुण है । उन गुणों पर बाहर से आई हुई कार्मण वर्गणा जम गई। जैसे १-२ महिने के लिए घर बन्द कर बाहर गांव जाते हैं और बापिस आने के बाद घर खोलते ही घर में धूल के ढेर
दिखाई देते हैं। कितनी भी આત્માના આઠ ગુણો અને તેના આવરક -म16 भौ:
अच्छी मारबल की टाइल्स हो परन्तु धूल के रजकणों से माच्छादित होने से टाइल्स का रूप-रंग-डिजाइन दिखाई नहीं देंगे। ठीक उसी तरह आश्रव मार्ग से आई हुई कार्मण वर्गणा आत्म प्रदेशों पर छा जाती है। जम जाती है। परिणाम स्वरूप आत्म गुण दब जाते हैं। ढक जाते है । स्पष्ट दिखाई नहीं देते। अतः भगोनों को ढकने वाले ढक्कन की तरह आत्म गुणों को ढकने वाले
વિનાયડન્મ
मायास्थात
अजन्तान
અનન્તઝમાં જીવ 3 અનાયારિત્ર
जावरायभENTS
P અનc
કિ અગુરુલઘુ
અનામ
to Stola
મોહનીય કર્મ
नामम
Sઅતશયકર્મ
कर्म की गति न्यारी
१४३