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________________ ४६५ पंचम अध्ययन : परिग्रह-आश्र इत्र आदि, (एवं जाव) इस प्रकार परिग्रह के स्वरूपद्वार में जो पाठ आया है, वह सब यहाँ समझ लेना । अतः (इमस्स मोक्खवरमोत्तिमग्गस्स) इस श्रेष्ठ मोक्ष-भाव मोक्ष के निर्लोभता-(मुक्ति) रूप मार्ग का (फलिहभूयो) यह परिग्रह आगल रूप है। इस प्रकार (चरिमं) अन्तिम, (अधम्मदार) अधर्मद्वार (समत्त) समाप्त हुआ।।सूत्र० २०॥ मलार्थ-धन-सम्पत्ति-स्त्री-पुत्रादि परिग्रह के पाश में फंसे हुए प्राणी परलोक में और इस जन्म में नष्ट-भ्रष्ट हो जाते हैं और अज्ञानरूपी अंधेरे में डूबे रहते हैं । भयानक अंधेरी रात के समान अज्ञानरूप अन्धकार में तीव्र मोहनीय कर्म के उदय से उनकी बुद्धि मोहित-विवेकशून्य हो जाती है । त्रस, स्थावर, सूक्ष्म और बादर जीवों में पर्याप्तक और अपर्याप्तक, साधारण और प्रत्येक शरीर में अंडज, पोतज, जरायुज, रसज, स्वेदज, समूच्छिम उद्भिज्ज और औपपातिक जन्मों में जन्म, मृत्यु, रोग और शोक से परिपूर्ण नारक, तिर्यञ्च,देव और मनुष्यों में वे पल्यों और सागरों की आयु वाले जन्म पाते हैं । इस तरह अनादि-अनन्त, दीर्घमार्ग वाले चतुर्गतिमय संसाररूपी भयानक वन में वे बार-बार परिम्रमण करते रहते हैं । ___ग्रह पूर्वोक्त परिग्रह-आश्रव का फलविपाक—फल का अनुभव-भोग इस लोक में और परलोक (भावी जन्म) में अल्प सुख एवं महादुःख देने वाला है । महाभय का उत्पादक है, अत्यन्त गाढ़ कर्मरूपी रज का सम्बन्ध कराने वाला है, अतिदारुण है, कठोर है और दुःखमय है। यह हजारों वर्षों में जा कर छूटता है । इस (फल) के भोगे बिना कदापि छुटकारा नहीं होता है । इस प्रकार ज्ञातकुलनन्दन महात्मा महावीर नाम के जिनेन्द्रप्रभु ने व्याख्यान किया है । तथा मैंने (शास्त्रकार ने) परिग्रह का (यह) फलविवाक कहा है। __यह पूर्वोक्त परिग्रह नामक पांचवां आश्रवद्वार निश्चय ही अनेक प्रकार की चन्द्रकान्त आदि मणियों, सोना, हीरा आदि रत्न, महामूल्य सुगन्धित इत्र आदि द्रव्य, पुत्र, स्त्री आदि स्वरूपद्वारोक्त परिग्रह इस भावमोक्ष-मोक्ष के निर्लोभता–मुक्ति रूप उपाय के लिए बाधक अर्गलारूप-प्रतिबन्धक है। इस प्रकार यह अन्तिम पांचवाँ आश्रवद्वार समाप्त हुआ ।सू० २०॥
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
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