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________________ - ३७ - ६७५ ६७६ ६७७ ६७८ ६७६ ६६१ ६६५ ६९७ ६९७ ६६६ ६६६ अचौर्यव्रत का माहात्म्य कुछ शंकाएं और उनका समाधान निःस्वार्थ सेवा से अनायास अचौर्य व्रत की आराधना अचौर्य संवर का अनाराधक कौन व आराधक कौन ? अचौर्यसंवर की पांच भावनाएँ अचौर्यव्रत की पांच भावनाओं की उपयोगिता विविक्तवासवसति समिति भावना का चिन्तन प्रयोग और फल अनुज्ञात संस्तारक भावना का शय्यासंस्तारकादिपरिकर्मवर्जना भावना का ॥ ॥ साधारणपिंडपात्रलाभसमिति भावना का , , साधार्मिक विनयकरण भावना का पांचों भावनाओं द्वारा प्राप्त होने वाला सुफल ११-नौवाँ अध्ययन : ब्रह्मचर्यसंवर ब्रह्मचर्य का माहात्म्य और स्वरूप ब्रह्मचर्य की महिमा ब्रह्मचर्य के शुद्ध पालनकर्ता ब्रह्मचर्य की रक्षा के उपाय ब्रह्मचर्य का महत्त्व विविध उपमाओं से ब्रह्मचर्य की गरिमा ब्रह्मचर्य की महनीयता ब्रह्मचर्य का लक्षण ब्रह्मचर्य विघातक बातों से सतर्कता ब्रह्मचर्यपोषक बातों का निर्देश ब्रह्मचर्य रक्षा के लिए पांच भावनाएं पांच भावनाओं की उपयोगिता स्त्री-असंसक्त स्थानसमिति भावना का चिन्तन, प्रयोग, और फल स्त्रीकथा विरति समिति भावना का स्त्रीरूपनिरीक्षणत्याग समिति भावना का , , , , पूर्वरत-पूर्वक्रीड़ित चिरति समिति भावना का , , , ७१४ ७१८ ७२१ ७२४ TA ७२६ ७३० ७३१ ७३१ ७४५ ७४५ ७४६ ७४८ ७४६
SR No.002476
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherSanmati Gyanpith
Publication Year1973
Total Pages940
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_prashnavyakaran
File Size21 MB
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