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श्री प्रश्नव्याकरण सूत्र
मूलपाठ तं च पुण निसेवंति सुरगणा सअच्छरा मोहमोहियमती, असुर-भुयग-गरुल-विज्जु-जलण -दीव-उदहि-दिसि-पवण - थणिया, अणवंनि-पणवंनि य-इसिवादिय-भूयवादिय-कंदिय-महाकंदिय-कूहंडपयंगदेवा, पिसाय-भूय-जक्ख-रक्खस - किंनर-किंपुरिस - महोरगगंधव्वा, तिरिय-जोइस-विमाणवासि-मणुयगणा, जलयर-थलयरखहयरा य, मोहपडिबद्धचित्ता, अवितण्हा, कामभोगतिसिया, तण्हाए बलवईए महईए समभिभूया, गढिया य, अतिमुच्छिया य, अबंभे उस्सण्णा, तामसेण भावेण अणुम्मुक्का, देसणचरित्तमोहस्स पंजरमिव करेंति अन्नोऽन्न सेवमाणा ।
भुज्जो असुर-सुर-तिरिय - मणुअ - भोगरतिविहारसंपउत्ता य चक्कवट्टी सुरनरवतिसक्कया, सुरवरुव्व देवलोए भरह-णगणगर-णियम-जणवय-पुरवर-दोणमुह-खेड-कव्वड-मडंब-संवाह-पट्टणसहस्समंडियं, थिमियमेइणीयं, एगच्छत्तं ससागरं भुजिऊण वसुहं नरसीहा,नरवई,नरिंदा,नरवसभा,मरुयवसभकप्पा,अब्भहियं रायतेयलच्छीए दिप्पमाणा, सोमा, रायवंसतिलका, रविससिसंखवरचक्कसोत्थियपडागजवमच्छकुम्मरहवर-भग - भवण-विमाण-तुरयतोरण-गोपुर-मणिरयण - नंदियावत्त-मुसल - णंगल - सुरइयवरकप्परुक्ख-मिगवति-भद्दासण-सु(र) रूवि-(चि)-थूभ-वर-मउड-सरिय. कुडल-कुजर-वरवसभ-दीव- मंदर -- गरुल-ज्झय - इंदके उ-दप्पणअट्ठावय-चाव - बाण - नक्खत्त - मेह-मेहल-वीणा-जुग-छत्त-दामदामिणि-कमंडलु-कमल-घंटा-वरपोत-सूइ - सागर-कुमुदागर-मगरहार-गागर-नेउर-णग-णगर-वइर - किन्नर-मयूर-वररायहंस-सारसचकोर-चक्कवाग-मिहुण-चामर - खेडग - पव्वीसग-विपंचि-वरतालियंट-सिरियाभिसेय-मेइणि-खग्गंकुस - विमलकलस-भिंगार-वद्ध