________________
जैन तत्व कलिका
प्रथम कलिका
देव स्वरूप :
देव का अर्थ अरिहंत देव स्वरूपअर्हन् शब्द का विशेषार्थ अतिशय वर्णन अरिहंत और तीर्थंकर तीर्थंकर देवस्वरूपअठारह दोष-रहितता बीस स्थानक तीर्थंकरों की पंच कल्याणकतालिका चौबीस तीर्थंकर चार ऐतिहासिक तीर्थंकर सिद्धदेव स्वरूपशुद्ध आत्मा-सिद्ध आत्मा सिद्धों के आठ गुण सिद्धों के विविध प्रकार परमात्मा की उपासना : लाभ और विधि