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________________ २२ २३ २४ २४ २६ २७ २८ २६ ३० ३१ ३२ ३३ ३४ ३५ ३६ ३७ ३८ ३६ ४० ४१ ४२ ४३ ४४ ४५ जे ढे ले ४६ ४७ ४८ अनुक्रमण ( अमर दीप : द्वितीय भाग) आर्य और अनार्य की कसोटी सावधान: इन नास्तिक वादों से अन्धकार से प्रकाश की ओर नारी : नागिनी या नारायणी ? मृत्यु का रहस्य अनित्य एवं दुःखमय संसार में मत फंसो गर्भवास, कामवासना और आहार की समस्या स्वधर्म और परधर्म का दायरा निःसंगता की साधना के सूत्र काम - विजय : क्यों और कैसे ? इन्द्रिय-निग्रह का सरल मार्ग जैसा बोए; वैसा पाए लोक का आलोकन ऋषियों की दिव्यकृषि पहचान : बाल और पण्डित की अज्ञ का विरोध : प्राज्ञ का विनोद कषायों के घेरे में जाग्रत आत्मा क्रोध की अग्नि : क्षमा का जल सृष्टि का रहस्य आत्मनिष्ठ सुख की साधना के मूलमन्त्र पाप कर्म से विरक्ति इच्छाओं के इन्द्रजाल से बचें साधना को जीविका का साधन मत बनाओ क्षुद्र से विराट बनो श्रेष्ठ मानव का लक्षण सम्यक निर्णय का सदुपाय अन्तर्दृष्टि साधक की वृत्ति - प्रवृत्ति १३ २६ ४३ ५६ ७० ६४ १०८ ११६ १३१ १४५ १५८ १६६ १७४ १८० १६३ २०६ २२० २३१ २३५ २५२ २५६ २६५ २७४ २८० २८२ २८४
SR No.002474
Book TitleAmardeep Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Shreechand Surana
PublisherAatm Gyanpith
Publication Year1986
Total Pages332
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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