SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 416
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ध्यान से साधक अपनी चेतना को इतने ऊँचे प्रकंपनों पर पहुँचा देता है कि उस स्थिति में उसे अपने शरीर का भी भान नहीं रहता, वह शरीर से एक प्रकार से निस्पृह - सा हो जाता है। इसका कारण यह है कि इस रंग का ध्यान साधक के आध्यात्मिक, भौतिक और भावनात्मक स्तर को प्रभावित करता है परिणामस्वरूप साधक की श्रवण (सुनने की), गन्ध (सूँघने) की और दृष्टि ( देखने की ) शक्तियाँ भी प्रभावित हो जाती हैं, उनकी दिशा में ऐसा परिवर्तन आ जाता है कि साधक की बहिर्मुखी प्रवृत्तियाँ अन्तर्मुखी बनने लगती हैं। लेश्याध्यान का साधक काले रंग की साधना दुष्प्रवृत्तियों के शोधन के लिए करता है। Maa श्याध्यान और नीले रंग की साधना नील लेश्या वाला व्यक्ति, कृष्ण लेश्या वाले से कुछ ऊपर उठा होता है, अर्थात् नील लेश्या वाला व्यक्ति, कृष्ण लेश्या वाले से कम क्रूर होता है । फिर भी उसमें ईर्ष्या, कदाग्रह, अविद्या, निर्लज्जता, प्रद्वेष, प्रमाद, रस- लोलुपता, प्रकृति की क्षुद्रता और बिना विचारे कार्य करने की प्रवृत्ति होती है। यदि उसे किसी कार्य में लाभ होता हो तो अन्य व्यक्ति को हानि पहुँचाने में संकोच नहीं करता। आधुनिक भाषा में ऐसे व्यक्ति को स्वार्थी (selfish) कह सकते हैं। योग की अपेक्षा से लेश्याध्यान का साधक काले रंग का परिमार्जन करता हुआ, बैंगनी और जामुनी रंग पर ध्यान केन्द्रित करता हुआ नीले रंग पर पहुँचता है। उस समय उसकी भाव धारा कुछ विशुद्ध हो जाती है। साधक, इस नीले ध्यान की साधना से मन की शान्ति प्राप्त करता है। उसकी पापवृत्तियाँ शान्त होने लगती हैं तथा स्वार्थीपन की भावधारा कम हो जाती है। वह चारों ओर के वातावरण से अनुकूलन स्थापित करने में सक्षम हो जाता है। शारीरिक दृष्टि से इस ध्यान की साधना द्वारा साधक को सबसे बड़ा लाभ यह होता है कि उसके नाड़ी संस्थान ( nervous system) की उत्तेजना कम हो जाती है। यह रक्त (blood) के लिए टॉनिक है। ऊँचे रक्तचाप (high 1. उत्तराध्ययन 34/22-24 340 अध्यात्म योग साधना :
SR No.002471
Book TitleAdhyatma Yog Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni
PublisherPadma Prakashan
Publication Year2011
Total Pages512
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy