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पूज्य प्रवर्तक श्री जी स्वभाव से बहुत ही सरल, निष्पृह, नाम की कामना से दूर रहते हुए आजीवन धर्म का प्रचार करते है। आपके सदुपदेश तथा प्रेरणा से आपश्री के सुयोग्य शिष्य श्री अमरमुनि जी महाराज के मार्गदर्शन से पंजाब एवं हरियाणा में स्थान-स्थान पर धर्मस्थानक, जैन हॉल, विद्यालय आदि का निर्माण हआ है। आपश्री जी की प्रेरणा व प्रयत्न से पटियाला यूनीवर्सिटी में 'जैन चेयर' की स्थापना हई जहाँ जैन धर्म, दर्शन व साहित्य पर विशेष शोध-अध्ययन चल रहा है।
जैन शासन एवं श्रमण संघ की उन्नति-अभ्युदय में अपना महान योगदान देने वाले पूज्य प्रवर्तक श्री भण्डारी जी महाराज ने दिनांक 1 मई 2001 में समाधिपूर्वक अपनी जीवन यात्रा सम्पन्न की। पूज्य प्रवर्तक श्री जी के महनीय उपकार जैन जगत में सदैव स्मरण किये जाते रहेंगे।
प्रस्तुत ग्रन्थ के सम्पादन-प्रकाशन में मूल प्रेरणा स्रोत भी पूज्य प्रवर्तक श्री जी ही थे।
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